एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

"अतिकाय" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replacement - " मां " to " माँ ")
 
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
'''अतिकाय''' लंकापति [[रावण]] के सात पुत्रों में से एक था जिसे लंका के युद्ध में [[राम|श्रीराम]] के अनुज [[लक्ष्मण]] ने मारा था। <ref>रामायण बालकाण्ड दोहा 180</ref><ref>पुस्तक- पौराणिक कोश, लेखक- राणा प्रसाद शर्मा, पृष्ठ संख्या- 16</ref>
+
{{बहुविकल्प|बहुविकल्पी शब्द=अतिकाय|लेख का नाम=अतिकाय (बहुविकल्पी)}}
==अतिकाय वध==
+
'''अतिकाय''' ([[विशेषण]]) [अत्युत्कटः कायो यस्य ब. .]
[[वाल्मीकि रामायण]] के लंकाकाण्ड में अतिकाय वध का उल्लेख है। दरअसल अतिकाय रावण का ही पुत्र था जो उसकी दूसरी पत्नी धन्यमालिनी का बेटा था। जब [[श्रीराम]] वानर सेना के साथ लंका युद्ध करने पहुंचे, तब उसने सर्वप्रथम अपने अन्य चार पुत्रों त्रिशिरा, देवान्तक, नरान्तक और अतिकाय को भेजा था। लंका के दैत्य सेनापतियों और वानर सेना के बीच भीषण युद्ध शुरू हो गया। युद्ध में वानर सेना के योद्धा [[अंगद]] ने [[नरान्तक]], [[देवान्तक]] को मार गिराया। इसी बीच [[हनुमान|हनुमानजी]] ने अपनी गदा से दैत्य [[त्रिशिरा]] का सिर शरीर से अलग कर दिया। लंका की सेना हार रही थी। सभी दैत्य मारे जा चुके थे। लेकिन तभी एख विशाल दैत्य ने वानर सेना ने तबाही कर दी। तब श्रीरामचंद्र ने [[विभीषण]] से पूछा, ये पराक्रमी दैत्य कौन है। विभीषण बोले, यह रावण का पुत्र है। जिसकी माँ धन्यमालिनी है। लेकिन रघुवर आप इसका तुरंत अंत कर दें नहीं तो यह वानर सेना को मार देगा। तब श्रीराम के पास पहुंचकर अतिकाय उन्हें भला-बुरा कहने लगा। कुछ देर तक तो श्रीराम उसकी बातों को सुनते रहे। लेकिन [[लक्ष्मण]] अतिकाय की बातों से क्रोधित हो गए। उन्होंने अर्द्धचन्द्राकार बाण से अतिकाय का सिर काट दिया। इस तरह रावण के पुत्र अतिकाय का अंत हो गया।<ref>{{cite web |url=http://www.deserttimes.in/rawansonend|title=इस तरह रावण के पुत्र अतिकाय का अंत हो गया |accessmonthday=10 अगस्त |accessyear=2016 |last= |first= |authorlink= |format= |publisher=deserttimes |language=हिन्दी }}</ref>
 
  
 +
*दीर्घकाय, भारी डील डौल वाला, विशालकाय।<ref>{{पुस्तक संदर्भ |पुस्तक का नाम=संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश|लेखक=वामन शिवराम आप्टे|अनुवादक= |आलोचक= |प्रकाशक=कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002|संकलन= |संपादन= |पृष्ठ संख्या=20|url=|ISBN=}}</ref>
  
 +
 +
{{seealso|संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची)|संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची)|संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश}}
 +
 +
{{लेख प्रगति|आधार=|प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
 
==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
{{रामायण}}
+
[[Category:संस्कृत हिन्दी शब्दकोश]][[Category:संस्कृत शब्दकोश]][[Category:भाषा कोश]][[Category:शब्द संदर्भ कोश]]
[[Category:पौराणिक चरित्र]][[Category:पौराणिक कोश]][[Category:रामायण]]
 
 
__INDEX__
 
__INDEX__
 
__NOTOC__
 
__NOTOC__

09:07, 20 अगस्त 2023 के समय का अवतरण

Disamb2.jpg अतिकाय एक बहुविकल्पी शब्द है अन्य अर्थों के लिए देखें:- अतिकाय (बहुविकल्पी)

अतिकाय (विशेषण) [अत्युत्कटः कायो यस्य ब. ब.]

  • दीर्घकाय, भारी डील डौल वाला, विशालकाय।[1]


इन्हें भी देखें: संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेताक्षर सूची), संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश (संकेत सूची) एवं संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. संस्कृत-हिन्दी शब्दकोश |लेखक: वामन शिवराम आप्टे |प्रकाशक: कमल प्रकाशन, नई दिल्ली-110002 |पृष्ठ संख्या: 20 |

संबंधित लेख