"अपनी आज़ादी को हम" के अवतरणों में अंतर
गोविन्द राम (चर्चा | योगदान) |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - " रुख " to " रुख़ ") |
||
(एक अन्य सदस्य द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए) | |||
पंक्ति 1: | पंक्ति 1: | ||
{| class="bharattable-pink" align="right" | {| class="bharattable-pink" align="right" | ||
− | |+ | + | |+ संक्षिप्त परिचय |
|- | |- | ||
| | | | ||
पंक्ति 6: | पंक्ति 6: | ||
* संगीतकार : नौशाद अली | * संगीतकार : नौशाद अली | ||
* गायक : [[मोहम्मद रफ़ी]] | * गायक : [[मोहम्मद रफ़ी]] | ||
− | * गीतकार: शकील | + | * गीतकार: [[शकील बदायूँनी]] |
|} | |} | ||
पंक्ति 28: | पंक्ति 28: | ||
वक़्त की आवाज़ के हम साथ चलते जाएंगे | वक़्त की आवाज़ के हम साथ चलते जाएंगे | ||
− | हर क़दम पर ज़िन्दगी का | + | हर क़दम पर ज़िन्दगी का रुख़ बदलते जाएंगे |
गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दारे वतन | गर वतन में भी मिलेगा कोई गद्दारे वतन | ||
अपनी ताकत से हम उसका सर कुचलते जाएंगे | अपनी ताकत से हम उसका सर कुचलते जाएंगे |
13:50, 3 फ़रवरी 2013 के समय का अवतरण
|
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं |
टीका टिप्पणी और संदर्भ
बाहरी कड़ियाँ
संबंधित लेख