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*अरिमर्दनपुर वर्तमान पगन नगर का प्राचीन भारतीय नाम था।  
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*अरिमर्दनपुर वर्तमान '''पगन नगर''' का प्राचीन भारतीय नाम था।  
 
*अरिमर्दनपुर की स्थापना 849 ई. में हुई थी।  
 
*अरिमर्दनपुर की स्थापना 849 ई. में हुई थी।  
 
*अरिमर्दनपुर नगर ताम्रद्वीप की राजधानी था।  
 
*अरिमर्दनपुर नगर ताम्रद्वीप की राजधानी था।  
 
*अरिमर्दनपुर का सबसे अधिक प्रसिद्ध राजा अनिरुद्ध महान् था जिसने पगन के छोटे-से राज्य को बढ़ाकर एक महान् साम्राज्य में परिवर्तित कर दिया था।  
 
*अरिमर्दनपुर का सबसे अधिक प्रसिद्ध राजा अनिरुद्ध महान् था जिसने पगन के छोटे-से राज्य को बढ़ाकर एक महान् साम्राज्य में परिवर्तित कर दिया था।  
 
*अरिमर्दनपुर साम्राज्य में ब्रह्मदेश का अधिकांश भाग सम्मिलित था।  
 
*अरिमर्दनपुर साम्राज्य में ब्रह्मदेश का अधिकांश भाग सम्मिलित था।  
*अनिरुद्ध कट्टर [[बौद्ध]] था और उसने सिंहल नरेश से बुद्ध का एक धातुचिह्न मंगवा कर श्वेजिगोन पंगोडा में संरक्षित किया था।  
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*अनिरुद्ध कट्टर [[बौद्ध]] था और उसने [[सिंहल]] नरेश से [[बुद्ध]] का एक धातुचिह्न मंगवा कर '''श्वेजिगोन पंगोडा''' में संरक्षित किया था।  
 
*अनिरुद्ध की मृत्यु 1077 ई. में हुई थी।  
 
*अनिरुद्ध की मृत्यु 1077 ई. में हुई थी।  
  
 
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==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
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*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 38| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
 
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==बाहरी कड़ियाँ==
 
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09:30, 1 मई 2018 का अवतरण

  • अरिमर्दनपुर वर्तमान पगन नगर का प्राचीन भारतीय नाम था।
  • अरिमर्दनपुर की स्थापना 849 ई. में हुई थी।
  • अरिमर्दनपुर नगर ताम्रद्वीप की राजधानी था।
  • अरिमर्दनपुर का सबसे अधिक प्रसिद्ध राजा अनिरुद्ध महान् था जिसने पगन के छोटे-से राज्य को बढ़ाकर एक महान् साम्राज्य में परिवर्तित कर दिया था।
  • अरिमर्दनपुर साम्राज्य में ब्रह्मदेश का अधिकांश भाग सम्मिलित था।
  • अनिरुद्ध कट्टर बौद्ध था और उसने सिंहल नरेश से बुद्ध का एक धातुचिह्न मंगवा कर श्वेजिगोन पंगोडा में संरक्षित किया था।
  • अनिरुद्ध की मृत्यु 1077 ई. में हुई थी।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 38| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार

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