एक्स्प्रेशन त्रुटि: अनपेक्षित उद्गार चिन्ह "०"।

"अरुण देवता" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
पंक्ति 10: पंक्ति 10:
  
 
[[Category:हिन्दू_देवी-देवता]]
 
[[Category:हिन्दू_देवी-देवता]]
[[Category:पौराणिक_कोश]]
+
[[Category:पौराणिक_कोश]][[Category:प्रसिद्ध चरित्र और मिथक कोश]]
 
__INDEX__
 
__INDEX__

06:04, 27 मई 2010 का अवतरण

Bharatkosh-logo.png पन्ना बनने की प्रक्रिया में है। आप इसको तैयार करने में सहायता कर सकते हैं।


  • अरुण को सूर्य का सारथि माना जाता है।
  • यह विनता का पुत्र और गरुड़ का ज्येष्ठ भ्राता है ।
  • पौराणिक कल्पना के अनुसार यह पंगु अर्थात पाँवरहित है ।
  • प्राय: सूर्य मंदिरों के सामने अरुण-स्तम्भ स्थापित किया जाता है ।
  • इसका भौतिक आधार है सूर्योदय के पूर्व अरुणिमा (लाली) । इसी के रूपक का नाम अरुण है।