"अर्ध्य" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
('*पश्चातकालीन निबन्धों ने अर्ध्य को अधिक विस्तार से ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
 
छो (Text replace - "{{लेख प्रगति |आधार=आधार1 |प्रारम्भिक= |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}" to "{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भि�)
 
(3 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 4 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
*पश्चातकालीन निबन्धों ने अर्ध्य को अधिक विस्तार से दिया है।  
 
*पश्चातकालीन निबन्धों ने अर्ध्य को अधिक विस्तार से दिया है।  
*वर्षक्रियाकौमुदी (वर्षक्रियाकौमुदी 142) में आया है कि सभी [[देवता|देवों]] के अर्घ्य में [[चन्दन]], [[पुष्प]], [[यव]], [[कुश]] के अग्र भार, [[तिल]], [[सरसों]], [[दूर्वा]] दिये जाते हैं। <ref>हेमाद्रि व्रतखण्ड 1, 48, कृत्यरत्नाकर 296; व्रतराज 16</ref>
+
*वर्षक्रियाकौमुदी (वर्षक्रियाकौमुदी 142) में आया है कि सभी [[देवता|देवों]] के अर्ध्य में [[चन्दन]], [[पुष्प]], [[यव]], [[कुश]] के अग्र भार, [[तिल]], [[सरसों]], [[दूर्वा]] दिये जाते हैं।<ref>हेमाद्रि व्रतखण्ड 1, 48, कृत्यरत्नाकर 296; व्रतराज 16</ref>
  
{{लेख प्रगति
+
{{प्रचार}}
|आधार=आधार1
+
{{लेख प्रगति |आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
|प्रारम्भिक=
+
{{संदर्भ ग्रंथ}}
|माध्यमिक=
 
|पूर्णता=
 
|शोध=
 
}}
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>

07:25, 27 जुलाई 2012 के समय का अवतरण

  • पश्चातकालीन निबन्धों ने अर्ध्य को अधिक विस्तार से दिया है।
  • वर्षक्रियाकौमुदी (वर्षक्रियाकौमुदी 142) में आया है कि सभी देवों के अर्ध्य में चन्दन, पुष्प, यव, कुश के अग्र भार, तिल, सरसों, दूर्वा दिये जाते हैं।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हेमाद्रि व्रतखण्ड 1, 48, कृत्यरत्नाकर 296; व्रतराज 16