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छो (Text replace - "<references/> *पुस्तक- ऐतिहासिक स्थानावली, लेखक-विजयेन्द्र कुमार माथुर, प्रकाशन- राजस्थान ग्रंथ अका)
 
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'''असोथर''' [[उत्तर प्रदेश]] में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है।  
 
'''असोथर''' [[उत्तर प्रदेश]] में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है।  
*असोथर का प्राचीन नाम अश्वत्थामापुर है।  
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*असोथर का प्राचीन नाम '''अश्वत्थामापुर''' है।  
 
*18वीं शती में [[महाराष्ट्र]]-केसरी [[शिवाजी]] के समकालीन भगवंतराय-खींची यहाँ के महाराज थे।  
 
*18वीं शती में [[महाराष्ट्र]]-केसरी [[शिवाजी]] के समकालीन भगवंतराय-खींची यहाँ के महाराज थे।  
*इन्होंने कुछ दिन तक शिवाजी के राज [[कवि]] [[भूषण]] और उनके भ्राता [[मतिराम]] को आश्रय दिया था जिसके कारण [[हिन्दी]] रीतिकालीन काव्य की बहुत उन्नति हुई थी।  
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*इन्होंने कुछ दिन तक शिवाजी के राज [[कवि]] [[भूषण]] और उनके भ्राता [[मतिराम]] को आश्रय दिया था जिसके कारण [[हिन्दी]] [[रीतिकाल|रीतिकालीन]] काव्य की बहुत उन्नति हुई थी।  
*असोथर अरारूसिंह का 17वीं शती के प्रांरभ में बना किला है।  
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*असोथर अरारूसिंह का 17वीं शती के प्रांरभ में बना [[किला]] है।  
  
 
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*ऐतिहासिक स्थानावली | विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
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*ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 54| विजयेन्द्र कुमार माथुर |  वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार
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09:59, 4 मई 2018 के समय का अवतरण

असोथर उत्तर प्रदेश में स्थित एक ऐतिहासिक स्थान है।

  • असोथर का प्राचीन नाम अश्वत्थामापुर है।
  • 18वीं शती में महाराष्ट्र-केसरी शिवाजी के समकालीन भगवंतराय-खींची यहाँ के महाराज थे।
  • इन्होंने कुछ दिन तक शिवाजी के राज कवि भूषण और उनके भ्राता मतिराम को आश्रय दिया था जिसके कारण हिन्दी रीतिकालीन काव्य की बहुत उन्नति हुई थी।
  • असोथर अरारूसिंह का 17वीं शती के प्रांरभ में बना किला है।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 54| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


बाहरी कड़ियाँ

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