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इब्राहीम आदिलशाह प्रथम [[बीजापुर]] के [[आदिलशाही वंश]] का चौथा सुल्तान (1534-57 ई0) था। इस वंश के प्रथम सुल्तान ने शिया धर्म अंगीकार कर लिया था। इब्राहीम प्रथम ने शिया धर्म अस्वीकार कर दिया। वह फ़ारस से आये अमीरों के स्थान पर दक्कनी अमीरों को पसंद करता था। इसका वज़ीर [[असद ख़ाँ]] अत्यन्त योग्य था। उसने [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] की एक सप्ताह की राजकीय यात्रा की और बहुत से उपहारों के साथ वापस लौटा। उसने अपने राज्य पर [[बीदर]], [[अहमदनगर]] तथा [[गोलकुण्डा]] सुल्तान के संयुक्त हमले को विफल कर दिया। उसके शासन काल में अनकानेक षड़यंत्र रचे गये। बुढ़ापे में वह बहुत अधिक शराब पीने लगा और उसी से उसकी मृत्यु हो गयी।
 
इब्राहीम आदिलशाह प्रथम [[बीजापुर]] के [[आदिलशाही वंश]] का चौथा सुल्तान (1534-57 ई0) था। इस वंश के प्रथम सुल्तान ने शिया धर्म अंगीकार कर लिया था। इब्राहीम प्रथम ने शिया धर्म अस्वीकार कर दिया। वह फ़ारस से आये अमीरों के स्थान पर दक्कनी अमीरों को पसंद करता था। इसका वज़ीर [[असद ख़ाँ]] अत्यन्त योग्य था। उसने [[विजयनगर साम्राज्य|विजयनगर]] की एक सप्ताह की राजकीय यात्रा की और बहुत से उपहारों के साथ वापस लौटा। उसने अपने राज्य पर [[बीदर]], [[अहमदनगर]] तथा [[गोलकुण्डा]] सुल्तान के संयुक्त हमले को विफल कर दिया। उसके शासन काल में अनकानेक षड़यंत्र रचे गये। बुढ़ापे में वह बहुत अधिक शराब पीने लगा और उसी से उसकी मृत्यु हो गयी।
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09:29, 22 मई 2010 का अवतरण

इब्राहीम आदिलशाह प्रथम बीजापुर के आदिलशाही वंश का चौथा सुल्तान (1534-57 ई0) था। इस वंश के प्रथम सुल्तान ने शिया धर्म अंगीकार कर लिया था। इब्राहीम प्रथम ने शिया धर्म अस्वीकार कर दिया। वह फ़ारस से आये अमीरों के स्थान पर दक्कनी अमीरों को पसंद करता था। इसका वज़ीर असद ख़ाँ अत्यन्त योग्य था। उसने विजयनगर की एक सप्ताह की राजकीय यात्रा की और बहुत से उपहारों के साथ वापस लौटा। उसने अपने राज्य पर बीदर, अहमदनगर तथा गोलकुण्डा सुल्तान के संयुक्त हमले को विफल कर दिया। उसके शासन काल में अनकानेक षड़यंत्र रचे गये। बुढ़ापे में वह बहुत अधिक शराब पीने लगा और उसी से उसकी मृत्यु हो गयी।