इससे तो अच्छा है -आदित्य चौधरी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
Copyright.png
इससे तो अच्छा है -आदित्य चौधरी

करना सियासत, तिजारत की ख़ातिर ।[1]
इससे तो अच्छा है नाक़ारा रहते ।।[2]

चूल्हे बुझाकर, अलावों का मजमा ।
इससे तो अच्छा है कुहरे में रहते ।।

गर है लियाक़त का आग़ाज़ सजदा ।[3]
इससे तो अच्छा है आवारा रहते ।।

महलों की खिड़की से रिश्तों को तकना ।
इससे तो अच्छा है गलियों में रहते ।।

ग़ैरों की महफ़िल में बेवजहा हँसना ।
इससे तो अच्छा है तन्हा ही रहते ।।

बेमानी वादों से जनता को ठगना ।
इससे तो अच्छा है तुम चुप ही रहते ।।


टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. सियासत=राजनीति, तिजारत=व्यापार
  2. नाक़ारा=बेरोज़गार
  3. लियाक़त=तमीज़, आग़ाज़=शुरुआत