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07:25, 27 जुलाई 2012 के समय का अवतरण
उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी सूर्य है। इसका प्रथम चरण भू नाम से धनुराशि में आता है।
अर्थ - विजय के पश्चात
देव - विश्वदेव
- राशि स्वामी गुरु है तो नक्षत्र स्वामी सूर्य है।
- उत्तराषाढ़ा में विश्वेदेवों का व्रत और पूजन किया जाता है।
- उत्तराषाढ नक्षत्र के देवता रवि को माना जाता है।
- कटहल के पेड को उत्तराषाढ नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और उत्तराषाढ नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग कटहल वृक्ष की पूजा करते है।
- इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में कटहल के पेड को लगाते हैं।
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
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