"ऊनकेश्वर" के अवतरणों में अंतर

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*जनश्रुति है कि इस स्थान पर [[रामायण]] काल में [[शरभंग ऋषि]] का आश्रम था।  
 
*जनश्रुति है कि इस स्थान पर [[रामायण]] काल में [[शरभंग ऋषि]] का आश्रम था।  
 
*भगवान [[राम]] वनवासकाल में इस स्थान पर कुछ समय के लिए आए थे।  
 
*भगवान [[राम]] वनवासकाल में इस स्थान पर कुछ समय के लिए आए थे।  
*[[रामायण]]<ref>[[रामायण|वाल्मीकि रामायण]], अरण्य कांड, सर्ग 5, 3</ref> में शरभंगाश्रम का यह उल्लेख है-  
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*[[रामायण]]<ref>[[रामायण|वाल्मीकि रामायण]], अरण्य कांड, सर्ग 5, 3</ref> में [[शरभंगाश्रम]] का यह उल्लेख है-  
 
<poem>'अभिगच्छामहे शीघ्रं शरभंगं तपोधनम्,  
 
<poem>'अभिगच्छामहे शीघ्रं शरभंगं तपोधनम्,  
 
आश्रमं शरभंगस्य राघबोऽभिजगाम है।</poem>  
 
आश्रमं शरभंगस्य राघबोऽभिजगाम है।</poem>  

06:25, 24 सितम्बर 2012 का अवतरण

'अभिगच्छामहे शीघ्रं शरभंगं तपोधनम्,
आश्रमं शरभंगस्य राघबोऽभिजगाम है।

'अद: शरण्यं: शरभंग नाम्नस्तपोवनं पावनमाहिताग्ने:,
चिराय संतर्प्य समिद्भरग्निं यो मंत्रपूतां तनुमप्यहौषीत्:'।[2][3]

  • ऊनकेश्वर मं गरम पानी का एक कुंड है जिसे, कहा जाता है कि, श्रीराम ने बाण से पृथ्वी भेद कर शरभंग के लिए प्रकट किया था।



टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. वाल्मीकि रामायण, अरण्य कांड, सर्ग 5, 3
  2. रघुवंश 13, 45
  3. देखें शरभंगाश्रम

बाहरी कड़ियाँ

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