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+ | '''[[प्रयाग]]''' का आधुनिक नाम [[इलाहाबाद]] है। प्रयाग [[उत्तर प्रदेश]] का एक प्राचीन [[तीर्थ|तीर्थस्थान]] है जिसका नाम [[अश्वमेध यज्ञ|अश्वमेध]] आदि अनेक याज्ञ ([[यज्ञ]]) अधिक होने से पड़ा था। प्रयाग का मुस्लिम शासन में 'इलाहाबाद' नाम कर दिया गया था परंतु 'प्रयाग' नाम आज भी प्रचलित है। [[रामायण]] में इलाहाबाद, प्रयाग के नाम से वर्णित है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ [[संगम|संगम स्थल]] पर भूमिगत रूप से [[सरस्वती नदी]] भी आकर मिलती है। इलाहाबाद का उल्लेख [[भारत]] के धार्मिक ग्रन्थों में भी मिलता है। [[वेद]], [[पुराण]], [[रामायण]] और [[महाभारत]] में इस स्थान को प्रयाग कहा गया है। [[प्रयाग|... और पढ़ें]] | ||
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14:14, 15 मार्च 2013 का अवतरण
मुखपृष्ठ पर चयनित पर्यटन स्थल
प्रयाग का आधुनिक नाम इलाहाबाद है। प्रयाग उत्तर प्रदेश का एक प्राचीन तीर्थस्थान है जिसका नाम अश्वमेध आदि अनेक याज्ञ (यज्ञ) अधिक होने से पड़ा था। प्रयाग का मुस्लिम शासन में 'इलाहाबाद' नाम कर दिया गया था परंतु 'प्रयाग' नाम आज भी प्रचलित है। रामायण में इलाहाबाद, प्रयाग के नाम से वर्णित है। ऐसा माना जाता है कि यहाँ संगम स्थल पर भूमिगत रूप से सरस्वती नदी भी आकर मिलती है। इलाहाबाद का उल्लेख भारत के धार्मिक ग्रन्थों में भी मिलता है। वेद, पुराण, रामायण और महाभारत में इस स्थान को प्रयाग कहा गया है। ... और पढ़ें |
साँची भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रायसेन ज़िले में स्थित एक छोटा सा गांव है। यह प्रसिद्ध स्थान, जहां अशोक द्वारा निर्मित महान स्तूप, जिनके भव्य तोरणद्वार तथा उन पर की गई जगत प्रसिद्ध मूर्तिकारी, भारत की प्राचीन वास्तुकला तथा मूर्तिकला के सर्वोत्तम उदाहरणों में हैं। यह बौद्ध की प्रसिद्ध ऐश्वर्यशालिनी नगरी विदिशा के निकट स्थित है। ... और पढ़ें |
स्वर्ण मंदिर के आस पास के सुंदर परिवेश और स्वर्ण की पर्त के कारण ही इसे स्वर्ण मंदिर कहते हैं। यह अमृतसर (पंजाब) में स्थित सिक्खों का सबसे पवित्र मंदिर माना जाता है। यह मंदिर सिक्ख धर्म की सहनशीलता तथा स्वीकार्यता का संदेश अपनी वास्तुकला के माध्यम से प्रदर्शित करता है, जिसमें अन्य धर्मों के संकेत भी शामिल किए गए हैं। ... और पढ़ें |
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