एक व्यक्तित्व

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भारत कोश पर एक व्यक्तित्व के लिए चयनित लेखों की सूची

कबीर
कबीर
ग़ालिब
मिर्ज़ा ग़ालिब
  • मिर्ज़ा असदउल्ला बेग़ ख़ान जिन्हें सारी दुनिया 'मिर्ज़ा ग़ालिब' के नाम से जानती है, उर्दू-फ़ारसी के प्रख्यात कवि रहे हैं।
  • ग़ालिब सदा किराये के मकानों में रहे, अपना मकान न बनवा सके। वे ऐसा मकान ज़्यादा पसंद करते थे, जिसमें बैठकख़ाना और अन्त:पुर अलग-अलग हों और उनके दरवाज़े भी अलग हों, जिससे यार-दोस्त बेझिझक आ-जा सकें।
  • “हैं और भी दुनिया में सुख़नवर बहुत अच्छे
कहते हैं कि ग़ालिब का है अन्दाज़े-बयाँ और” ... और पढ़ें
सत्यजित राय
सत्यजित राय
सरोजिनी नायडू
सरोजिनी नायडू
  • सरोजिनी नायडू सुप्रसिद्ध कवयित्री और भारत के राष्ट्रीय नेताओं में से एक थीं।
  • सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फ़रवरी, सन 1879 को हैदराबाद में हुआ था। श्री अघोरनाथ चट्टोपाध्याय और वरदासुन्दरी की आठ संतानों में वह सबसे बड़ी थीं।
  • सरोजिनी नायडू बहुभाषाविद थीं। वह क्षेत्रानुसार अपना भाषण अंग्रेज़ी, हिन्दी, बांग्ला या गुजराती भाषा में देती थीं।
  • 13 वर्ष की आयु में सरोजिनी नायडू ने 1300 पदों की 'झील की रानी' नामक लंबी कविता और लगभग 2000 पंक्तियों का एक विस्तृत नाटक लिखकर अंग्रेज़ी भाषा पर अपना अधिकार सिद्ध कर दिया था।
  • सरोजिनी नायडू को विशेषत: 'भारत कोकिला', 'राष्ट्रीय नेता' और 'नारी मुक्ति आन्दोलन की समर्थक' के रूप में सदैव याद किया जाता रहेगा।
  • 2 मार्च सन 1949 को मृत्यु के समय सरोजिनी नायडू उत्तर प्रदेश के राज्यपाल पद पर थीं। .... और पढ़ें
मुंशी प्रेमचंद
प्रेमचंद
  • भारत के उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद के युग का विस्तार सन 1880 से 1936 तक है। यह कालखण्ड भारत के इतिहास में बहुत महत्त्व का है।
  • प्रेमचंद का वास्तविक नाम धनपत राय श्रीवास्तव था। वे एक सफल लेखक, देशभक्त नागरिक, कुशल वक्ता, ज़िम्मेदार संपादक और संवेदनशील रचनाकार थे।
  • प्रेमचंद का जन्म वाराणसी से लगभग चार मील दूर, लमही नाम के गाँव में 31 जुलाई, 1880 को हुआ। प्रेमचंद के पिताजी मुंशी अजायब लाल और माता आनन्दी देवी थीं।
  • प्रेमचंद का कुल दरिद्र कायस्थों का था, जिनके पास क़रीब छ: बीघे ज़मीन थी और जिनका परिवार बड़ा था। प्रेमचंद के पितामह, मुंशी गुरुसहाय लाल, पटवारी थे।
  • प्रेमचंद ने कुल 15 उपन्यास, 300 से कुछ अधिक कहानियाँ, 3 नाटक, 10 अनुवाद, 7 बाल-पुस्तकें तथा हज़ारों पृष्ठों के लेख, सम्पादकीय, भाषण, भूमिका, पत्र आदि की रचना की है।
  • अंतिम दिनों के एक वर्ष को छोड़कर, उनका पूरा समय वाराणसी और लखनऊ में गुज़रा, जहाँ उन्होंने अनेक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया और 8 अक्टूबर, 1936 को जलोदर रोग से उनका देहावसान हो गया । .... और पढ़ें
छत्रपति शिवाजी महाराज
शिवाजी
  • शिवाजी महाराज का पूरा नाम शिवाजी राजे भोंसले था। शाहजी भोंसले की पहली पत्नी जीजाबाई ने शिवाजी को 19 फ़रवरी, 1630 को महाराष्ट्र के शिवनेरी दुर्ग में जन्म दिया।
  • शाहजी भोंसले ने शिवाजी के जन्म के उपरान्त ही अपनी पत्नी को त्याग दिया था। इसलिये उनका बचपन बहुत उपेक्षित रहा और वे सौतेली माँ के कारण बहुत दिनों तक पिता के संरक्षण से वंचित रहे।
  • बालक शिवाजी का लालन-पालन उनके स्थानीय संरक्षक दादाजी कोणदेव तथा जीजाबाई के समर्थ गुरु रामदास की देखरेख में हुआ।
  • शिवाजी का विवाह साइबाईं निम्बालकर के साथ सन 1641 में बंगलौर में हुआ था। शिवाजी के दो पुत्र सम्भाजी राजे भोंसले, राजाराम छत्रपति और छ: पुत्रियाँ थीं।
  • ये भारत में मराठा साम्राज्य के संस्थापक थे। सेनानायक के रूप में शिवाजी की महानता निर्विवाद रही है। शिवाजी ने भू-राजस्व एवं प्रशासन के क्षेत्र में अनेक क़दम उठाए। शिवाजी ने अनेक क़िलों का निर्माण और पुनरुद्धार करवाया। शिवाजी के निर्देशानुसार सन 1679 ई. में अन्नाजी दत्तों ने एक विस्तृत भू-सर्वेक्षण करवाया जिसके परिणामस्वरूप एक नया राजस्व निर्धारण हुआ।
  • मैकाले द्वारा 'शिवाजी महान' कहे जाने वाले शिवाजी की 1680 में कुछ समय बीमार रहने के बाद अपनी राजधानी पहाड़ी दुर्ग राजगढ़ में 3 अप्रॅल को मृत्यु हो गई। .... और पढ़ें
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू
जवाहरलाल नेहरू
  • नेहरू जी का जन्म इलाहाबाद में 14 नवम्बर 1889 ई॰ को हुआ।
  • नेहरू जी पं॰ मोतीलाल नेहरू और श्रीमती स्वरूप रानी के एकमात्र पुत्र थे।
  • नेहरू जी शिक्षा के लिए इंग्लैण्ड के हैरो स्कूल के बाद वह केंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए, जहाँ उन्होंने तीन वर्ष तक अध्ययन करके प्रकृति विज्ञान में स्नातक उपाधि प्राप्त की।
  • मार्च 1916 में नेहरू जी का विवाह कमला कौल के साथ हुआ, जो दिल्ली में बसे कश्मीरी परिवार की थीं।
  • उनकी अकेली संतान इंदिरा प्रियदर्शिनी थीं, जो विवाहोपरांत इंदिरा गाँधी, नाम से भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री बनीं।
  • 1916 ई॰ के लखनऊ अधिवेशन में वे सर्वप्रथम महात्मा गाँधी के सम्पर्क में आये। गाँधी जी उनसे 20 साल बड़े थे। दोनों में से किसी ने भी आरंभ में एक-दूसरे को बहुत प्रभावित नहीं किया।
  • 1928 ई॰ में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महामंत्री बने और 1929 के लाहौर अधिवेशन के बाद नेहरू जी देश के बुद्धिजीवियों और युवाओं के नेता के रूप में उभरे।
  • पंडित नेहरू एक महान राजनीतिज्ञ और प्रभावशाली वक्ता ही नहीं, ख्यातिलब्ध लेखक भी थे। उनकी आत्मकथा 1936 ई॰ में प्रकाशित हुई और संसार के सभी देशों में उसका आदर हुआ।
  • 27 मई, 1964 को दिल्ली में दिल का दौरा पड़ जाने के कारण नेहरू जी मृत्यु हुई। .... और पढ़ें
राष्ट्रपिता मोहन दास करमचंद गाँधी
महात्मा गाँधी
  • महात्मा गाँधी का जन्म 2 अक्तूबर 1869 ई. को गुजरात के पोरबंदर नामक स्थान में हुआ था।
  • इनके पिता का नाम करमचंद गाँधी था। मोहनदास की माता का नाम पुतलीबाई था जो करमचंद गांधी जी की चौथी पत्नी थीं।
  • मोहनदास एक औसत विद्यार्थी थे। एक सत्रांत-परीक्षा में उनके परिणाम में अंग्रेज़ी में अच्छा, अंकगणित में ठीक-ठाक भूगोल में ख़राब, चाल-चलन बहुत अच्छा, लिखावट ख़राब की टिप्पणी की गई थी।
  • गाँधी जी का संदेश बहुत सरल था। "अंग्रेज़ों की बंदूक़ों ने नहीं, बल्कि भारतवासियों की अपनी कमियों ने भारत को ग़ुलाम बनाया हुआ है"।
  • महात्‍मा गाँधी ने भारतीय स्‍वतंत्रता के लिए 'असहयोग आंदोलन', 'सविनय अवज्ञा आंदोलन', 'दांडी यात्रा' तथा 'भारत छोड़ो आंदोलन' जैसे अभियान जारी रखे।
  • गाँधी जी के अथक प्रयासों से अंत में भारत को 15 अगस्‍त 1947 को स्‍वतंत्रता मिली।
  • 30 जनवरी 1948 की शाम को एक युवा हिन्दू कट्टरपंथी नाथूराम गोड्से ने गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। .... और पढ़ें
चंद्रशेखर वेंकट रामन
चंद्रशेखर वेंकट रामन
  • चंद्रशेखर वेंकट रामन का जन्म तिरुचिरापल्ली शहर में 7 नवम्बर 1888 को हुआ था ।
  • इनके पिता चंद्रशेखर अय्यर और माँ पार्वती अम्माल थीं।
  • वेंकटरामन ब्रिटेन के प्रतिष्ठित कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की 'एम॰ आर॰ सी॰ लेबोरेट्रीज़ ऑफ़ म्यलूकुलर बायोलोजी' के स्ट्रकचरल स्टडीज़ विभाग के प्रमुख वैज्ञानिक थे।
  • 'रामन प्रभाव' की खोज 28 फ़रवरी 1928 को हुई थी। इस महान खोज की याद में 28 फ़रवरी का दिन हम 'राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' के रूप में मनाते हैं। इस महान खोज 'रामन प्रभाव' के लिये 1930 में श्री रामन को 'भौतिकी का नोबेल पुरस्कार' प्रदान किया गया और रामन भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले एशिया के पहले व्यक्ति बने।
  • डॉ.रामन का देश-विदेश की प्रख्यात वैज्ञानिक संस्थाओं ने सम्मान किया। भारत सरकार ने 'भारत रत्न' की सर्वोच्च उपाधि देकर सम्मानित किया।
  • सोवियत रूस ने उन्हें 1958 में 'लेनिन पुरस्कार' प्रदान किया।
  • 21 नवम्बर 1970 को 82 वर्ष की आयु में वैज्ञानिक डॉ. रामन की मृत्यु हुई। .... और पढ़ें