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12:13, 21 मार्च 2014 के समय का अवतरण

करील एक दुर्लभ पौराणिक वृक्ष है। भगवान राम ने वनवास जाते समय करील वृक्ष के नीचे ही विश्राम किया था।

  • भगवान राम ने सभी सुख भोगों से वंचित रहने का प्रण लिया था, इसलिए भगवान राम ने फूल, फल, पत्ती विहीन इस उदासीन वृक्ष के नीचे ही विश्राम करना उचित समझा।
  • ग्रंथ रामचरितमानस में भी करील का वर्णन है। वन गमन के समय सीता जी को समझाते हुए भगवान राम ने कहा था-

नव रसाल वन विहरन शीला सोह कि कोकिल विपिन करीला।

  • इस वृक्ष का आयुर्वेदिक उपयोग भी बहुत अधिक है।
  • कुष्ठरोग तथा अन्य चर्मरोगों में इसका उपयोग रामबाण इलाज के लिए किया जाता है|


टीका टिप्पणी और संदर्भ

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