"काली मिर्च" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "==टीका टिप्पणी और संदर्भ==" to "{{संदर्भ ग्रंथ}} ==टीका टिप्पणी और संदर्भ==")
छो (Text replacement - "रूचि" to "रुचि")
 
(2 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 2 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
 
[[चित्र:Kali-Mirch.jpg|thumb|काली मिर्च]]
 
[[चित्र:Kali-Mirch.jpg|thumb|काली मिर्च]]
*काली मिर्च [[काला रंग|काले रंग]] के दाने जैसी होती हैं। अत्यंत तेज़ एवं उग्र होने के कारण इन्हें मिर्च की [[संज्ञा]] दी गई है।
+
काली मिर्च [[काला रंग|काले रंग]] के दाने जैसी होती हैं। अत्यंत तेज़ एवं उग्र होने के कारण इन्हें मिर्च की [[संज्ञा]] दी गई है।
*इसका स्वाद चरपरा होता है और तासीर गर्म होती है।
+
*इसका स्वाद चरपरा होता है और तासीर गर्म होती है। जिससे पित्त की वृद्धि होती है। साथ ही ये कफ़ को नष्ट करती है तथा इससे वायु का गोला भी नष्ट होता है।
*जिससे पित्त की वृद्धि होती है। साथ ही ये कफ़ को नष्ट करती है तथा इससे वायु का गोला भी नष्ट होता है।
+
*इससे भोजन स्वादिष्ट तथा रुचिकर बनता है और पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं। यह [[हृदय]] के लिए अत्यंत लाभकारी है। परिणामस्वरूप हृदय रोग में इसका हितकारी प्रभाव होता है।
*इससे भोजन स्वादिष्ट तथा रुचिकर बनता है और पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं। यह [[हृदय]] के लिए अत्यंत लाभकारी है।
 
*परिणामस्वरूप हृदय रोग में इसका हितकारी प्रभाव होता है।
 
 
*इसके [[पाचन]] से पाचकाग्नि प्रदीप्त होती है, जिससे अपच की शिकायत नष्ट होती है।  
 
*इसके [[पाचन]] से पाचकाग्नि प्रदीप्त होती है, जिससे अपच की शिकायत नष्ट होती है।  
*पेट में वायु बनना, पेट का दर्द, अफरा तथा अरूचि, अग्निमांद्य, बवासीर, दस्त की बीमारी, संग्रहणी, पेट के कीड़े आदि रोगों में यह लाभदायक सिद्ध होती है।
+
*पेट में वायु (गैस) बनना, पेट का दर्द, अफरा तथा अरुचि, अग्निमांद्य, [[बवासीर]], दस्त की बीमारी, संग्रहणी, पेट के कीड़े आदि रोगों में यह लाभदायक सिद्ध होती है।
  
  
{{प्रचार}}
 
 
{{लेख प्रगति
 
{{लेख प्रगति
 
|आधार=
 
|आधार=
पंक्ति 17: पंक्ति 14:
 
|शोध=
 
|शोध=
 
}}
 
}}
{{संदर्भ ग्रंथ}}
 
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
==टीका टिप्पणी और संदर्भ==
 
<references/>
 
<references/>
__INDEX__
+
==संबंधित लेख==
 
+
{{मिर्च मसाले}}
 
[[Category:खान पान]]
 
[[Category:खान पान]]
 
[[Category:मिर्च मसाले]][[Category:चिकित्सा विज्ञान]]
 
[[Category:मिर्च मसाले]][[Category:चिकित्सा विज्ञान]]
 
[[Category:वनस्पति कोश]]
 
[[Category:वनस्पति कोश]]
 
[[Category:वनस्पति]]
 
[[Category:वनस्पति]]
 +
__INDEX__

07:49, 3 जनवरी 2016 के समय का अवतरण

काली मिर्च

काली मिर्च काले रंग के दाने जैसी होती हैं। अत्यंत तेज़ एवं उग्र होने के कारण इन्हें मिर्च की संज्ञा दी गई है।

  • इसका स्वाद चरपरा होता है और तासीर गर्म होती है। जिससे पित्त की वृद्धि होती है। साथ ही ये कफ़ को नष्ट करती है तथा इससे वायु का गोला भी नष्ट होता है।
  • इससे भोजन स्वादिष्ट तथा रुचिकर बनता है और पेट के कीड़े नष्ट हो जाते हैं। यह हृदय के लिए अत्यंत लाभकारी है। परिणामस्वरूप हृदय रोग में इसका हितकारी प्रभाव होता है।
  • इसके पाचन से पाचकाग्नि प्रदीप्त होती है, जिससे अपच की शिकायत नष्ट होती है।
  • पेट में वायु (गैस) बनना, पेट का दर्द, अफरा तथा अरुचि, अग्निमांद्य, बवासीर, दस्त की बीमारी, संग्रहणी, पेट के कीड़े आदि रोगों में यह लाभदायक सिद्ध होती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख