कोली

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

कोली भारत के मध्य और पश्चिमी पहाड़ी क्षेत्र में रहने वाली जाति। इस जाति के लोग सैद्धांतिक रूप से कई बहिर्विवाही वंशों में बंटे हैं और मुख्यत: हिन्दू हैं, लेकिन अपने पुराने जीववाद को कुछ हद तक जारी रखे हुए हैं।[1] 'कोलाबा' का नाम सम्भवत: इन्हीं कोलियों के नाम पर पड़ा था।

  • 20वीं शताब्दी के अंत में इनकी जनसंख्या लगभग 6 लाख, 50 हज़ार थी।
  • सबसे बड़ा कोली समूह महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों में रहता है।
  • कोलियों को कृषकों और मज़दूरों के रूप में जाना जाता है, लेकिन कई कोलियों का जीवन केवल ईंधन की लकड़ी एकत्रित करने और मज़दूरी करने पर ही निर्भर करता है।
  • गर्मियों में जब खाद्य कम उपलब्ध होता है, तब कोली लोग रसदार फलों और आमों पर आश्रित रहते हैं।
  • तटीय कोलियों का परंपरागत पेशा मछली पकड़ना है, हालांकि अब इनमें से कई विद्यालयों और सरकारी कार्यालयों में कार्यरत हैं।
  • कोली सैद्धांतिक रूप से कई बहिर्विवाही वंशों में बंटे हैं और मुख्यत: हिन्दू हैं।
  • इनकी मान्यता है कि बीमारी किसी नाराज़ आत्मा या देवता द्वारा पैदा की जाती है और यह भी कि दूसरा विवाह पहले पति अथवा पत्नी की आत्मा को जागृत कर सकता है।
  • परंपरागत रूप से एक जनजाति के रूप में वगीकृत कोली फिर से एक निचली हिन्दू जाति के रूप में अनुसूचित किये गए, जिसमें अग्री और अहीर उपजातियाँ शामिल हैं।
  • प्रसिद्ध सामाजिक लोक नृत्यों में से एक 'कोलयाचा' (कोलियों का नृत्य) भी है। पश्चिमी भारत के कोंकण तट के मछुआरों के मूल नृत्य कोलयाचा में नौकायन की भावभंगिमा दिखाई जाती है। महिलाएँ अपने पुरुष साथियों की ओर रुमाल लहराती हैं और पुरुष थिरकती चाल के साथ आगे बढ़ते हैं। विवाह के अवसर पर युवा कोली नवदंम्पति के स्वागत में घरेलू बर्तन हाथ में पकड़कर गलियों में नृत्य करते हैं और नृत्य के चरम पर पहुँचते ही नवदंम्पति भी नाचने लगते हैं।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. भारत ज्ञानकोश, खण्ड-1 |लेखक: इंदु रामचंदानी |प्रकाशक: एंसाइक्लोपीडिया ब्रिटैनिका प्राइवेट लिमिटेड, नई दिल्ली और पॉप्युलर प्रकाशन, मुम्बई |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |पृष्ठ संख्या: 468 |

संबंधित लेख