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*[[चतरा]] में कुल्हा पहाड़ी पर स्थित कौलेश्वरी मन्दिर बहुत खूबसूरत है।  
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*[[चतरा]] में कुल्हा पहाड़ी पर स्थित कौलेश्वरी मन्दिर बहुत ख़ूबसूरत है।  
 
*डॉ एम.ए. स्टिन के अनुसार यहाँ पर दसवें र्तीथाकर शीतला स्वामी का जन्म हुआ था।  
 
*डॉ एम.ए. स्टिन के अनुसार यहाँ पर दसवें र्तीथाकर शीतला स्वामी का जन्म हुआ था।  
 
*उनके भक्तों ने इस मन्दिर का निर्माण कराया था।  
 
*उनके भक्तों ने इस मन्दिर का निर्माण कराया था।  
 
*मन्दिर के पास एक गुफ़ा भी है जिसमें 23वें [[जैन]] तीर्थंकर पार्श्‍वनाथ की प्रतिमा देखी जा सकती है।  
 
*मन्दिर के पास एक गुफ़ा भी है जिसमें 23वें [[जैन]] तीर्थंकर पार्श्‍वनाथ की प्रतिमा देखी जा सकती है।  
 
*इस प्रतिमा में उनके गलें में [[सांप]] है और वह साधना में लीन हैं।  
 
*इस प्रतिमा में उनके गलें में [[सांप]] है और वह साधना में लीन हैं।  
*कौलेश्वरी देवी के मन्दिर तक पहुँचना दुर्गम है। लेकिन इसके आस-पास खूबसूरत जंगल हैं।  
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*कौलेश्वरी देवी के मन्दिर तक पहुँचना दुर्गम है। लेकिन इसके आस-पास ख़ूबसूरत जंगल हैं।  
 
*इन जंगलों में बेहतरीन पिकनिक का आनंद लेने के साथ-साथ वन्य जीवों जैसे [[लंगूर]], [[भालू]], हिरण, नीलगाय, [[तेंदुआ]] और विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की मनोहारी झलक देखी जा सकती है।  
 
*इन जंगलों में बेहतरीन पिकनिक का आनंद लेने के साथ-साथ वन्य जीवों जैसे [[लंगूर]], [[भालू]], हिरण, नीलगाय, [[तेंदुआ]] और विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की मनोहारी झलक देखी जा सकती है।  
  

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  • चतरा में कुल्हा पहाड़ी पर स्थित कौलेश्वरी मन्दिर बहुत ख़ूबसूरत है।
  • डॉ एम.ए. स्टिन के अनुसार यहाँ पर दसवें र्तीथाकर शीतला स्वामी का जन्म हुआ था।
  • उनके भक्तों ने इस मन्दिर का निर्माण कराया था।
  • मन्दिर के पास एक गुफ़ा भी है जिसमें 23वें जैन तीर्थंकर पार्श्‍वनाथ की प्रतिमा देखी जा सकती है।
  • इस प्रतिमा में उनके गलें में सांप है और वह साधना में लीन हैं।
  • कौलेश्वरी देवी के मन्दिर तक पहुँचना दुर्गम है। लेकिन इसके आस-पास ख़ूबसूरत जंगल हैं।
  • इन जंगलों में बेहतरीन पिकनिक का आनंद लेने के साथ-साथ वन्य जीवों जैसे लंगूर, भालू, हिरण, नीलगाय, तेंदुआ और विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की मनोहारी झलक देखी जा सकती है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


बाहरी कड़ियाँ

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