गुलशन कुमार

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गुलशन कुमार
गुलशन कुमार
पूरा नाम गुलशन कुमार दुआ
जन्म 5 मई, 1956; मृत्यु- 12 अगस्त, 1997
जन्म भूमि दिल्ली
मृत्यु 12 अगस्त, 1997
मृत्यु स्थान मुंबई, महाराष्ट्र
संतान पुत्र- भूषण कुमार, पुत्री- तुलसी कुमार, खुशाली कुमार
कर्म भूमि भारत
कर्म-क्षेत्र हिन्दी सिनेमा व भक्ति संगीत
विद्यालय देशबंधु कॉलेज, दिल्ली विश्‍वविद्यालय
प्रसिद्धि निर्माता-निर्देशक, टी-सीरीज़ के संस्थापक
नागरिकता भारतीय
अन्य जानकारी निजी जिंदगी के अलावा गुलशन कुमार दान-पुण्य के लिए भी काफी चर्चा में रहते थे। उन्होंने वैष्णो देवी में एक भंडारे की स्थापना की जो आज भी वहां आने वाले श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों को नि: शुल्क भोजन उपलब्ध करवाता है।

गुलशन कुमार दुआ (अंग्रेज़ी: Gulshan Kumar Dua, जन्म- 5 मई, 1956; मृत्यु- 12 अगस्त, 1997) प्रसिद्ध निर्माता-निर्देशक और व्यवसायी थे। वह 'टी-सीरीज़' के संस्थापक थे। गुलशन कुमार का नाम फिल्मी दुनिया की उन हस्तियों में शुमार हैं जिन्होंने काफी कम समय में ही शोहरत की उन बुलंदियों को हासिल कर लिया था, जहां पहुंचना हर किसी का सपना होता है। संघर्षपूर्ण जीवन बिताने के बाद अपने संगीत और उसके प्रति लगन से उन्होंने एक खास मुकाम हासिल किया। गुलशन कुमार के बेटे भूषण कुमार बॉलीवुड के जाने-माने फिल्म निर्माता हैं और अब टी-सीरीज़ उनके द्वारा ही संचालित है। यह कहा जा सकता है कि गुलशन कुमार ने पूरे भारत में भक्ति की लहर ला दी। उन्होंने टी-सीरीज़ कैसेट्स के माध्यम से अधिकांश देवी-देवताओं के भजन व गीत जनता के बीच ला दिये। इनमें से अधिकांश गीत बेहद ही सफल रहे हैं।

परिचय

गुलशन कुमार का जन्म 5 मई, 1956 को दिल्ली के एक पंजाबी अरोड़ा परिवार में हुआ था। उनका मूल नाम गुलशन दुआ था। उनके पिता दिल्ली के दरियागंज बाजार में फलों के जूस की दुकान चलाते थे। जहां गुलशन कुमार भी अपने पिता का काम में हाथ बटाते थे। वहां से शुरू हुई उनकी यात्रा एक अलग मुकाम तक पहुंची। गुलशन कुमार के संघर्ष की कहानी जीरो से हीरो बनने तक की है। उन्होंने धीरे-धीरे इंडियन म्यूजिक इंडस्ट्री में कदम रखा और मशहूर होते चले गए।

टी-सीरीज़ की स्थापना

गुलशन कुमार ने सोनू निगम सहित कई गायकों को ब्रेक देकर उनके कॅरियर में अहम योगदान दिया था। गुलशन कुमार ने 'सुपर कैसेट्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड' नाम की एक कंपनी बनायी जो भारत में सबसे बड़ी संगीत कंपनी बन गई। उन्होंने इसी संगीत कंपनी के तहत 'टी-सीरीज' की स्थापना की। 'टी-सीरीज' आज हिंदी सिनेमा की संगीत और फिल्म निर्माण की बड़ी कंपनियों में से एक है।

नये गायकों को मौका

गुलशन कुमार बेहतरीन फिल्म निर्माता के साथ ही एक शानदार गायक भी थे। उन्होंने ढेर सारे भक्ति गाने गाए जिन्हें लोग आज भी खूब पसंद करते हैं। गुलशन कुमार की आवाज में भक्ति संगीत 'मैं बालक तू माता शेरा वालिये' को लोगों ने हमेशा पसंद किया है। इतना ही नहीं गुलशन कुमार ने कई गायकों के कॅरियर को भी बनाया। उन्होंने सोनू निगम, अनुराधा पौडवाल और कुमार सानू जैसे सदाबहार गायक लॉन्च किए। गुलशन कुमार ने टी सीरीज के जरिए संगीत को लोगों के घर-घर पहुंचाने का काम किया

वैष्णो देवी भंडारा

निजी जिंदगी के अलावा गुलशन कुमार दान-पुण्य के लिए भी काफी चर्चा में रहते थे। उन्होंने वैष्णो देवी में एक भंडारे की स्थापना की जो आज भी वहां आने वाले श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों को नि: शुल्क भोजन उपलब्ध करवाता है।

हत्या

दरियादिली से भरपूर गुलशन कुमार की मौत काफी दर्दनाक थी। मुंबई के अंडरवर्ल्ड के लोगों ने उनसे फिरौती थी, लेकिन गुलशन कुमार ने उनकी मांग के आगे झुकने से मना कर दिया। जिसकी वजह से 12 अगस्त, 1997 को मुंबई में एक मंदिर के बाहर गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गयी।

गुलशन कुमार वैष्णो देवी के भक्त थे। वैष्णो देवी में उनकी गहरी आस्था थी। उन्होंने वैष्णों देवी में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए काफी सारे काम करवाए। इसके अलावा वो हर रोज पश्चिमी मुंबई के अंधेरी इलाके में जीतनगर के जीतेश्वर महादेव मंदिर जाया करते थे। 12 अगस्त, 1997 को सुबह करीब आठ बजे गुलशन कुमार पूजा करने मंदिर पहुंचे थे। करीब साढ़े दस बजे का वक्त रहा होगा। गुलशन कुमार मंदिर में पूजा करके बाहर निकल रहे थे। तभी उन्हें अपनी पीठ पर बंदूक की नाल महसूस हुई। उन्होंने सामने एक शख्स को हाथ में बंदूक लिए देखा। इसके पहले की गुलशन कुमार कुछ कह पाते उसके पहले ही उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी।

बंदूक से उन पर 16 राउंड फायरिंग की गई। उनकी गर्दन और पीठ में 16 गोलियां लगी थीं। बचने के लिए वो आसपास के घरों के दरवाजे पीटते रहे। लेकिन किसी ने दरवाजा नहीं खोला। उस वक्त गुलशन कुमार के साथ सिर्फ उनका ड्राइवर था। ड्राइवर ने अपने मालिक को बचाने के लिए हत्यारों पर कलश फेंकना शुरू कर दिया। लेकिन हत्यारे नहीं रुके वो गोलियां बरसाते रहे। उन्होंने ड्राइवर के पैर पर भी गोली चलाई, जिससे वो वहीं जख्मी हो गया। गुलशन कुमार को सुरक्षा उपलब्ध करवाई गई थी लेकिन उन्हें मुंबई पुलिस के बजाए यू.पी. पुलिस ने सुरक्षा मुहैया करवाई थी। जिस दिन गुलशन कुमार की हत्या हुई, उस रोज उनका बॉडीगार्ड बीमार था। इसलिए वो उनके साथ नहीं था। मारिया ने अपनी किताब में लिखा है कि क्राइम ब्रांच ने उन्हें सुरक्षा उपलब्ध करवाई थी, लेकिन जब यूपी पुलिस ने उन्हें कमांडो सिक्योरिटी उपलब्ध करवाई तो मुंबई क्राइम ब्रांच ने अपनी सुरक्षा वापस ले ली। गुलशन कुमार की हत्या में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और अबू सलेम का नाम लिया जाता है। कहा जाता है कि दाऊद इब्राहिम ने गुलशन कुमार से 10 करोड़ की फिरौती मांगी थी। गुलशन ने ये रकम देने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि पैसे उसे (दाऊद) देने के बजाए वो उन पैसों से वैष्णो देवी में भंडारा करवाना पसंद करेंगे। इसी के बाद उनकी हत्या कर दी गई।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. गुलशन कुमार को मारी थीं 16 गोलियां (हिंदी) news18.com। अभिगमन तिथि: 05 मई, 2021।

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