गोकुल लाल असावा

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:46, 11 अगस्त 2018 का अवतरण (''''गोकुल लाल असावा''' (जन्म- 2 अक्टूबर, 1901) को भारतीय इ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

गोकुल लाल असावा (जन्म- 2 अक्टूबर, 1901) को भारतीय इतिहास में देश की स्वतंत्रता के लिए योगदान करने वाले क्रांतिकारियों में गिना जाता है। राजस्थान के निर्माण के बाद वे कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्य रहे थे। उनको दक्षिण पूर्व रियासतों को मिलाकर बनाये गए संघ में मुख्यमंत्री बनाया गया था।

  • गोकुल लाल असावा का जन्म 2 अक्टूबर, सन 1901 को देवली में एक सामान्य माहेश्वरी परिवार में हुआ था।
  • सन 1926 में उन्होंने 'बनारस हिंदू विश्वविद्यालय' से बी.ए. एवं 1928 में दर्शनशास्त्र में एम.ए. किया।
  • अपनी शिक्षा पूर्ण करने के पश्चात उन्होंने कोटा के हार्वर्ड कॉलेज में अध्यापन का कार्य प्रारंभ कर दिया, परंतु उनकी राष्ट्रीय गतिविधियों के कारण उन्हें कॉलेज की सेवा से हटा दिया गया।
  • गोकुल लाल असावा जी कोटा से अजमेर नमक सत्याग्रह के लिए आ गए।
  • इसके बाद 1930 से 1932 के बीच चार बार उन्हें जेल यात्रा करनी पड़ी।
  • 1930 से 1946 तक अजमेर-मेरवाड़ा प्रांतीय कांग्रेस कमेटी की व्यवस्थापिका सभा के सदस्य बनकर वे सेवा करते रहे।
  • राजस्थान के निर्माण के बाद गोकुल लाल असावा कांग्रेस कमेटी की कार्यकारिणी के सदस्य रहे। इसके बाद उन्होंने राजनीति से अपने आप को पृथक कर लिया।
  • गोकुल लाल असावा को दक्षिण पूर्व रियासतों को मिलाकर बनाये गए संघ में मुख्यमंत्री बनाया गया था। इस संघ में मेवाड़ शामिल नहीं था। संघ का उद्घाटन 25 मार्च, 1948 को किया गया।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख