गोलगनाथ मंदिर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
गोलगनाथ मंदिर, पट्टदकल

गोलगनाथ मंदिर अथवा 'गलगनाथ मंदिर' पट्टदकल, कर्नाटक के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में गिना जाता है। यह मंदिर पट्टदकल का मुख्य आकर्षण केन्द्र है। मलयप्रभा नदी के किनार पर स्थित गोलगनाथ मंदिर शिल्पकला का सुंदर नज़ारा प्रस्तुत करता है। इस मंदिर में भगवान शिव के अलावा देवी गंगा और देवी यमुना की प्रतिमाएं भी हैं, जो प्रवेश द्वार पर स्थित हैं।

  • इस मंदिर का निर्माण चालुक्य राजाओं द्वारा 8वीं शताब्दी में करवाया गया था।
  • मंदिर चालुक्य साम्राज्य के उत्कर्ष और उनकी गौरवपूर्ण यात्रा का प्रतीक भी है।
  • गोलगनाथ मन्दिर के परिसर में अन्य कई छोटे-छोटे मंदिर भी हैं।
  • भगवान शिव को समर्पित यह गोलगनाथ मंदिर भगवान की कलाकृतियों से भरपूर है, जिसमें शिव को मुंडमाला पहने व हाथ में त्रिशूल लिए देखा जा सकता है। इसके अतिरिक्त इन कृतियों में भगवान के नटराज रूप के दर्शन भी होते हैं।
  • मंदिर की कलाकृतियों में शिव द्वारा अंधकासुर के अंत को भी दर्शाया गया है।
  • गोलगनाथ मंदिर उत्तर भारत की नागर शैली से निर्मित है। मंदिर की वास्तुकला में राजाओं की वैभवता का प्रतिरूप भी झलकता है।
  • यह प्रसिद्ध मंदिर पट्टदकल का मुख्य आकर्षण है, जो चालुक्य साम्राज्य के उत्कर्ष को दिखाता है।
  • इस मंदिर को देखकर ऐसा लगता है कि मानों चालुक्य वंश ने इसके निर्माण में उत्तर भारत और दक्षिण भारत की शैलियों का संगम करने की कोशिश थी।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

बाहरी कड़ियाँ

संबंधित लेख