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गौहर महल भोपाल

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  • गौहर महल मध्य प्रदेश के भोपाल शहर के बड़े तालाब के किनारे व्ही.आई.पी. रोड पर स्थित है।
  • शौकत महल के पास बड़ी झील के किनारे स्थित वास्तुकला का यह ख़ूबसूरत नमूना कुदसिया बेगम के काल का है।
  • इस तिमंजिले भवन का निर्माण भोपाल राज्य की तत्कालीन शासिका नवाब कुदसिया बेगम (सन् 1819-37) ने गौहर महल को 1820 ई. में कराया था।
  • गौहर महल 4.65 एकड़ क्षेत्र में फैले है।
  • कुदसिया बेगम का नाम गौहर भी था इसलिए इस महल को गौहर महल के नाम से जाना जाता है।
  • गौहर महल भोपाल रियासत का पहला महल है।
  • गौहर महल की ख़ासिय यह है कि इसकी सजावट भारतीय और इस्लामिक वास्तुकला को मिलाकर की गई है।
  • गौहर महल हिन्‍दु और मुग़ल कला का अद्भुत संगम है।
  • गौहर महल में दीवान-ए आम और दीवान-ए-ख़ास हैं।
  • गौहर महल के आंतरिक भाग में नयनाभिराम फब्बारे थे जो कालान्तर में नष्ट हो गये हैं। फब्बारों की हौज अब भी विद्यमान है।
  • हल के ऊपर का हिस्सा में एक ऐसा कमरा है जिससे पूरे शहर का नजारा दिखाता है और इसके दरवाजों पर कांच से नक्काशी की गई है।
  • गौहर महल की दीवारों पर लकड़ी के नक्काशीदार स्तंभ, वितान और मेहराबें हैं। स्तंभों पर आकृतियां और फूल पत्तियों का अंकन है।
  • आंतरिक हिस्स में बेगम का निवास था जिसकी खिड़कियों से बड़े तालाब का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।
  • भवन की दूसरी मंजिल पर एक प्रसूतिगृह था, जिसकी दीवारों पर रंगीन चित्र बने थे।

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