चक्रवर्ती विजय राघवाचारी

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चक्रवर्ती विजय राघवाचारी भारतीय स्वतंत्रता तथा अधिकारों के लिये संघर्ष करने वाले महत्वपूर्ण नेता थे। वे भारत में स्वराजी संविधान तैयार करने वाले पहले व्यक्ति थे, जिसे उन्होंने 1927 के मद्रास अधिवेशन में प्रस्तुत किया था।

  • सन 1882 में चक्रवर्ती विजय राघवाचारी को नजरबंद कर दिया गया था। नजरबंद होने वाले वे पहले भारतीय नेता थे।
  • बाद चक्रवर्ती विजय राघवाचारी दादा भाई नौरोजी के सम्पर्क में आये तथा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के साथ ही इससे जुड़ गये।
  • संविधान तैयार करने वाली समिति में वे भी सदस्य बनाये गये थे।
  • 1895 में मद्रास व्यवस्थापिका परिषद के सदस्य के रूप में उन्होंने सामाजिक सुधारों हेतु कई योजनाओं को संचालित किया।
  • चक्रवर्ती विजय राघवाचारी ने 1919 में कांग्रेस द्वारा मूल अधिकारों की घोषणा हेतु एक प्रस्ताव रखा गया, किंतु वह सफल न हो सका।
  • सन 1920 में चक्रवर्ती विजय राघवाचारी ने कांग्रेस के नागपुर अधिवेशन की अध्यक्षता की, जिसमें गांधीजी के असहयोग आंदोलन का प्रताव स्वीकार किया गया था।
  • चक्रवर्ती विजय राघवाचारी भारत में स्वराजी संविधान तैयार करने वाले पहले व्यक्ति थे, जिसे उन्होंने 1927 के मद्रास अधिवेशन में प्रस्तुत किया था।
  • 1944 में चक्रवर्ती विजय राघवाचारी की मृत्यु हुई।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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