"तुम्हें उदास सा पाता हूँ -साहिर लुधियानवी" के अवतरणों में अंतर
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ये जंग और ये मेरे वतन के शोख़ जवाँ | ये जंग और ये मेरे वतन के शोख़ जवाँ | ||
खरीदी जाती हैं उठती जवानियाँ जिनकी | खरीदी जाती हैं उठती जवानियाँ जिनकी | ||
− | ये बात बात पे | + | ये बात बात पे क़ानून और ज़ब्ते की गिरफ़्त |
ये ज़ीस्क़ ये ग़ुलामी ये दौर-ए-मजबूरी | ये ज़ीस्क़ ये ग़ुलामी ये दौर-ए-मजबूरी | ||
ये ग़म हैं बहोत मेरी ज़िंदगी मिटाने को | ये ग़म हैं बहोत मेरी ज़िंदगी मिटाने को |
14:11, 30 जुलाई 2013 का अवतरण
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तुम्हें उदास-सा पाता हूँ मैं कई दिन से |
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टीका टिप्पणी और संदर्भ
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