तेहि अवसर आए लखन

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
कविता भाटिया (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:25, 18 मई 2016 का अवतरण ('{{सूचना बक्सा पुस्तक |चित्र=Sri-ramcharitmanas.jpg |चित्र का नाम=रा...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
तेहि अवसर आए लखन
रामचरितमानस
कवि गोस्वामी तुलसीदास
मूल शीर्षक रामचरितमानस
मुख्य पात्र राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, रावण आदि
प्रकाशक गीता प्रेस गोरखपुर
शैली चौपाई, सोरठा, छन्द और दोहा
संबंधित लेख दोहावली, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, हनुमान चालीसा
काण्ड अयोध्या काण्ड
दोहा

तेहि अवसर आए लखन मगन प्रेम आनंद।
सनमाने प्रिय बचन कहि रघुकुल कैरव चंद॥10॥

भावार्थ

उसी समय प्रेम और आनंद में मग्न लक्ष्मणजी आए। रघुकुल रूपी कुमुद के खिलाने वाले चन्द्रमा श्री रामचन्द्रजी ने प्रिय वचन कहकर उनका सम्मान किया॥10॥


पीछे जाएँ
तेहि अवसर आए लखन
आगे जाएँ


दोहा - मात्रिक अर्द्धसम छंद है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13 मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं।




पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख