तैत्तिरीयोपनिषद शिक्षावल्ली अनुवाक-7

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  • इस अनुवाक में 'पांच तत्त्वों' का विविध पंक्तियों में उल्लेख किया है और उन्हें एक-दूसरे का पूरक माना है।
    • लोक पंक्ति— पृथ्वी, अन्तरिक्ष, द्युलोक, दिशाएं और अवान्तर दिशाएं।
    • नक्षत्र पंक्ति— अग्नि, वायु, आदित्य, चन्द्रमा और समस्त नक्षत्र
    • आधिभौतिक पंक्ति— जल, औषधियां, वनस्पतियां, आकाश और आत्मा
    • अध्यात्मिक पंक्ति— प्राण, व्यान, अपान, उदान और समान।
    • इन्द्रियों की पंक्ति— चक्षु, श्रोत्र, मन, वाणी और त्वचा।
    • शारीरिक पंक्ति— चर्म, मांस, नाड़ी, हड्डी और मज्जा।
  • ऋषि ने बताया है कि यह सब पंक्तियों का समूह, पंक्तियों की ही पूर्ति करता है।
  • सभी परस्पर एक-दूसरे की पूरक होते हुए एक सहयोगी की भांति कार्य करती हैं।


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