नावाध्यक्ष

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नावाध्यक्ष एक उच्च अधिकारी का पद था जो मौर्य साम्राज्य की शासन व्यवस्था का महत्त्वपूर्ण अंग था।

  • जलमार्गों का सब प्रबन्ध नावध्यक्ष के अधीन था। छोटी-बड़ी नदियों, समुद्र तटों तथा महासमुद्रों को पार करने वाली नौकाओं और जहाजों का वही प्रबन्ध करता था।
  • जलमार्ग से यात्रा करने पर क्या किराया लगेगा, यह सब नावाध्यक्ष द्वारा ही तय किया जाता था।

इन्हें भी देखें: मौर्यकालीन भारत, मौर्य काल का शासन प्रबंध, मौर्ययुगीन पुरातात्विक संस्कृति एवं मौर्यकालीन कला


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टीका टिप्पणी और संदर्भ

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