नील नदी

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:05, 30 जून 2017 का अवतरण (Text replacement - " महान " to " महान् ")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
Iteru.png

नील नदी दुनिया की सबसे लम्बी नदी है। इसकी लम्बाई लगभग 6,650 किलोमीटर है। यह पूर्वी अफ़्रीका से उत्तर और फिर मेडिटेरियन तक के दायरे में फैली है।

  • नील की दो बड़ी सहायक नदियां हैं- 'व्हाइट नील' और 'ब्लू नील'।
  • मिस्र की प्राचीन सभ्यता के विकास में नील नदी की बहुत बड़ी भूमिका मानी जाती है। नील नदी को इसीलिए ‘मिस्र का वरदान’ भी कहा जाता है।
  • नील अफ़्रीका से बहने वाली एक नदी है, जिसके साथ अनेक इतिहास और पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई हैं।
  • मिस्र के राजा (फ़ैरो) के आदेश से नवजात यहूदी लड़कों का कत्लेआम हुआ, जिससे मूसा की माँ ने मूसा को नील नदी में बहा दिया था। रानी ने मूसा को पाला। बाद में रैमसी से मूसा का विवाद हुआ और मूसा के श्राप से नील नदी का पानी रक्त बन गया।
  • विश्व की महान् रचना पिरामिडों के लिए पत्थर नील नदी के रास्ते ही लाया गया था।
  • मिस्र की भाषा में नील को 'इतेरु' कहते हैं, जिसका अर्थ है- 'महान नदी'


पन्ने की प्रगति अवस्था
आधार
प्रारम्भिक
माध्यमिक
पूर्णता
शोध

टीका टिप्पणी और संदर्भ

संबंधित लेख