"नैनीताल" के अवतरणों में अंतर

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|विवरण=नैनीताल शहर, उत्तरी [[उत्तराखंड]] राज्य के उत्तर मध्य [[भारत]] में [[शिवालिक पर्वतश्रेणी]] में स्थित है। 1841 में स्थापित यह नगर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो समुद्र तल से 1,934 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह नगर एक सुंदर झील के आसपास बसा हुआ है और इसके चारों ओर वनाच्छादित पहाड़ हैं।
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|विवरण=नैनीताल, उत्तरी [[उत्तराखंड]] राज्य के उत्तर मध्य [[भारत]] में [[शिवालिक पर्वतश्रेणी]] में स्थित है। 1841 में स्थापित यह नगर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो समुद्र तल से 1,934 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।  
 
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'''नैनीताल''' उत्तरी [[उत्तराखंड]] राज्य के उत्तर मध्य [[भारत]] में [[शिवालिक पर्वतश्रेणी]] में स्थित एक नगर है। 'नैनी' शब्द का अर्थ है [[आँख|आँखें]] और 'ताल' का अर्थ है [[झील]]। झीलों का शहर नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल है। बर्फ़ से ढ़के पहाड़ों के बीच बसा यह स्‍थान झीलों से घिरा हुआ है। इनमें से सबसे प्रमुख झील [[नैनी झील]] है जिसके नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा है। इसलिए इसे झीलों का शहर भी कहा जाता है। नैनीताल को जिधर से देखा जाए, यह बेहद ख़ूबसूरत है। इसे [[भारत]] का 'लेक डिस्ट्रिक्ट' कहा जाता है, क्योंकि यह पूरी जगह झीलों से घिरी हुई है। इसकी भौगोलिक विशेषता निराली है। नैनीताल का सबसे कम [[तापमान]] 27.06° से 8.06° से. के बीच रहता है। नैनीताल का दृश्य नैनों को सुख देता है।
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'''नैनीताल''' उत्तरी [[उत्तराखंड]] राज्य के उत्तर मध्य [[भारत]] में [[शिवालिक पर्वतश्रेणी]] में स्थित एक नगर है। 'नैनी' शब्द का अर्थ है [[आँख|आँखें]] और 'ताल' का अर्थ है [[झील]]। झीलों का शहर नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल है। बर्फ़ से ढ़के पहाड़ों के बीच बसा यह स्‍थान झीलों से घिरा हुआ है। इनमें से सबसे प्रमुख झील [[नैनी झील]] है जिसके नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा। इसलिए इसे 'झीलों का शहर' भी कहा जाता है। नैनीताल को चाहे जिधर से देखा जाए, यह बेहद ख़ूबसूरत है। इसे [[भारत]] का 'लेक डिस्ट्रिक्ट' कहा जाता है, क्योंकि इसकी पूरी जगह झीलों से घिरी हुई है। इसकी भौगोलिक विशेषता निराली है। नैनीताल का सबसे कम [[तापमान]] 27.06° से 8.06° से. के बीच रहता है। नैनीताल का दृश्य नैनों को सुख देता है।
==स्थिति==
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==भौगोलिक स्थिति==
 
नैनीताल शहर उत्तर-मध्य [[भारत]] के उत्तरी उत्तराखंड राज्य में [[शिवालिक पर्वतश्रेणी]] में स्थित है। 1841 में स्थापित यह नगर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो समुद्र तल से 1,934 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह नगर एक सुंदर झील के आस-पास बसा हुआ है और इसके चारों ओर वनाच्छादित पहाड़ हैं।
 
नैनीताल शहर उत्तर-मध्य [[भारत]] के उत्तरी उत्तराखंड राज्य में [[शिवालिक पर्वतश्रेणी]] में स्थित है। 1841 में स्थापित यह नगर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो समुद्र तल से 1,934 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह नगर एक सुंदर झील के आस-पास बसा हुआ है और इसके चारों ओर वनाच्छादित पहाड़ हैं।
*इसके उत्तर में [[अल्मोड़ा]] है।
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*नैनीताल के उत्तर में [[अल्मोड़ा]] है।
 
*पूर्व में चम्पावत है।
 
*पूर्व में चम्पावत है।
 
*दक्षिण में ऊधमसिंह नगर है।
 
*दक्षिण में ऊधमसिंह नगर है।
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==इतिहास==
 
==इतिहास==
नैनीताल को पी. बेरून नामक व्‍यक्ति द्वारा वर्ष 1841 में स्थापित किया गया था। पी. बेरून पहला यूरोपियन था। नैनीताल [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] का ग्रीष्‍मकालीन मुख्‍यालय था। 1847 में नैनीताल मशहूर हिल स्टेशन बना, अंग्रेज़ इसे समर कैपिटल भी कहते थे। तब से लेकर आज तक यह अपना आकर्षण बरकरार रखे हुए है। अंग्रेज़ों के ज़माने में नैनीताल शिक्षा का भी बड़ा केंद्र बनकर उभरा। अपने बच्चों को बेहतर माहौल में पढ़ाने के लिए अंग्रेज़ों को यह जगह काफ़ी पसंद आई थी। उन्होंने अपने मनोरंजन के लिए भी व्यापक इंतज़ाम किए थे।
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नैनीताल को पी. बेरून नामक व्‍यक्ति द्वारा वर्ष 1841 में स्थापित किया गया था। पी. बेरून पहला यूरोपियन था। नैनीताल [[अंग्रेज़|अंग्रेज़ों]] का ग्रीष्‍मकालीन मुख्‍यालय था। 1847 में नैनीताल मशहूर हिल स्टेशन बना, [[अंग्रेज़]] इसे 'समर कैपिटल' भी कहते थे। तब से लेकर आज तक यह अपना आकर्षण बरकरार रखे हुए है। अंग्रेज़ों के ज़माने में नैनीताल शिक्षा का भी बड़ा केंद्र बनकर उभरा। अपने बच्चों को बेहतर माहौल में पढ़ाने के लिए अंग्रेज़ों को यह जगह काफ़ी पसंद आई थी। उन्होंने अपने मनोरंजन के लिए भी व्यापक इंतज़ाम किए थे। पहाड़ियों से घिरी नैनी झील और इसके आस-पास की तमाम झीलें आकर्षण का केंन्द्र बन गयी थीं और प्रत्येक यूरोपियन नागरिक यहाँ बसने की लालसा लेकर आने लगे। बाद में ब्रिटिश-भारतीय सरकार ने नैनीताल को यूनाइटेड प्रोविन्सेज की गर्मियों की राजधानी घोषित कर दिया और इसी दौरान यहाँ तमाम यूरोपीय शैली की इमारतों का निर्माण हुआ, गवर्नर हाऊस और सेन्ट जॉन चर्च इस निर्माण [[कला]] के अद्भुत उदाहरण है।
 
 
पहाड़ियों से घिरी नैनी झील और इसके आस-पास की तमाम झीलें आकर्षण का केंन्द्र बन गयी थीं और प्रत्येक यूरोपियन नागरिक यहाँ बसने की लालसा लेकर आने लगे। बाद में ब्रिटिश-भारतीय सरकार ने नैनीताल को यूनाइटेड प्रोविन्सेज की गर्मियों की राजधानी घोषित कर दिया और इसी दौरान यहाँ तमाम यूरोपीय शैली की इमारतों का निर्माण हुआ, गवर्नर हाऊस और सेन्ट जॉन चर्च इस निर्माण [[कला]] के अद्-भुत उदाहरण है।
 
  
 
==यातायात और परिवहन==
 
==यातायात और परिवहन==
नैनीताल सड़क मार्ग द्वारा दक्षिण में स्थित काठगोदाम के रेलवे टर्मिनल से जुड़ा हुआ है। पंतनागर नैनीताल का निकटतम हवाई अड्डा है। नैनीताल हवाई अड्डे से 71 किलोमिटर दूर है। पंतनागर से भी नैनीताल के लिए बसें उपलब्ध है। रेलवे स्टेशन काठगोदाम के निकट है। [[बरेली]], [[लखनऊ]], [[दिल्ली]] और [[आगरा]] नैनीताल से रेलमार्ग द्वारा जुड़े हुए है। बसें और टैक्सियाँ काठगोदाम से नैनीताल के लिए उपलब्ध हैं। नैनीताल और [[देहरादून]], [[अल्मोड़ा]], [[रानीखेत]], [[बरेली]], [[हरिद्वार]], रामनगर, दिल्ली, लखनऊ, और अन्य राज्यों में महत्त्वपूर्ण शहरों के बीच निजी और सार्वजनिक बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।
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नैनीताल सड़क मार्ग द्वारा दक्षिण में स्थित काठगोदाम के रेलवे टर्मिनल से जुड़ा हुआ है। पंतनगर नैनीताल का निकटतम हवाई अड्डा है। नैनीताल हवाई अड्डे से 71 किमी दूर है। पंतनगर से भी नैनीताल के लिए बसें उपलब्ध है। रेलवे स्टेशन काठगोदाम के निकट है। [[बरेली]], [[लखनऊ]], [[दिल्ली]] और [[आगरा]] नैनीताल से रेलमार्ग द्वारा जुड़े हुए है। बस और टैक्सियाँ काठगोदाम से नैनीताल के लिए उपलब्ध हैं। नैनीताल और [[देहरादून]], [[अल्मोड़ा]], [[रानीखेत]], [[बरेली]], [[हरिद्वार]], रामनगर, दिल्ली, लखनऊ, और अन्य राज्यों में महत्त्वपूर्ण शहरों के बीच निजी और सार्वजनिक बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।
  
 
==कृषि और खनिज==
 
==कृषि और खनिज==
नैनीताल में 52,000 हैक्टर भूमि [[कृषि]] के लिए प्रयोग की जाती है जिसमें से 45,000 हैक्टर भूमि सिंचाई के लिए प्रयोग की जाती है। सिंचाई के मुख्य श्रोत नहर तथा नलकूप हैं। 24203 हैक्टर भूमि नहरों द्वारा और 3366 हैक्टर भूमि नलकूपों द्वारा सिंचित हो्ती है।
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नैनीताल में 52,000 हैक्टेयर भूमि [[कृषि]] के लिए प्रयोग की जाती है जिसमें से 45,000 हैक्टेयर भूमि सिंचाई के लिए प्रयोग की जाती है। सिंचाई के मुख्य श्रोत नहर तथा नलकूप हैं। 24203 हैक्टेयर भूमि नहरों द्वारा और 3366 हैक्टेयर भूमि नलकूपों द्वारा सिंचित हो्ती है। नैनीताल की मुख्य फ़सलें: [[गेहूँ]], मंडुआ, [[मक्का]], [[जौ]], झंगोरा, कौणी, भट्ट, तोर, धान, [[गन्ना]], [[मटर]], [[सोयाबीन]] हैं। [[भारत के फल|फलों]] में [[सेब]], [[नाशपाती]], [[आडू]], खुमानी आदि उगाए जाते हैं।
 
 
नैनीताल की मुख्य फ़सले: [[गेहूँ]], मंडुआ, [[मक्का]], [[जौ]], झंगोरा, कौणी, भट्ट, तोर, धान, [[गन्ना]], मटर, सोयाबीन हैं। [[भारत के फल|फलों]] में [[सेब]], नाशपाती, आडू, खुमानी आदि उगाए जाते हैं।
 
  
 
==शिक्षण संस्थान==
 
==शिक्षण संस्थान==
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==पर्यटन==
 
==पर्यटन==
 
[[चित्र:Nani-Lake-Nanital-1.jpg|thumb|250px|[[नैनी झील]], नैनीताल]]
 
[[चित्र:Nani-Lake-Nanital-1.jpg|thumb|250px|[[नैनी झील]], नैनीताल]]
नैनीताल अपने तालों के लिए प्रसिद्ध है। प्रमुख स्थलों में [[नैनी झील]], तल्ली एवं मल्ली ताल और मॉल रोड शामिल हैं। नैनीताल के पर्यटन स्थलों में स्नो व्यू पॉइंट, जहाँ रोपवे से पहुँचा जा सकता है। झील के किनारे स्थित सबसे ऊँची नैनी चोटी, लैंड्स एंड, हनुमान गढ़ी, स्टेट ऑबज़रवेटरी और नैनीताल के लोकप्रिय विहार स्थल शामिल हैं। आस-पास के दर्शनीय स्थलों में [[सात ताल झील|सातताल]], [[भीमताल झील|भीमताल]] और नौ किनारों वाला नौकुचिया ताल, संरक्षित वन किलबरी, खुरपा ताल, लोकप्रिय आरामगाह भोवाली, ढिकाला स्थित जिम कॉर्बेट संग्रहालय और मुक्तेश्वर, जो [[हिमालय]] का मनमोहक दृश्य पेश करता है। यहाँ झील के आस-पास बने शानदार बंगलों और होटलों में रुकने का अपना ही आनन्द है। गर्मियों में यहाँ बड़ी संख्‍या में सैलानी आते हैं। यहाँ की झील, मंदिर, बाज़ार पर्यटकों को लुभाते हैं।
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नैनीताल अपने तालों के लिए प्रसिद्ध है। प्रमुख स्थलों में [[नैनी झील]], तल्ली एवं मल्ली ताल और मॉल रोड शामिल हैं। नैनीताल के पर्यटन स्थलों में स्नो व्यू पॉइंट, जहाँ रोप वे से पहुँचा जा सकता है। झील के किनारे स्थित सबसे ऊँची नैनी चोटी, लैंड्स एंड, हनुमान गढ़ी, स्टेट ऑबज़रवेटरी और नैनीताल के लोकप्रिय विहार स्थल शामिल हैं। आस-पास के दर्शनीय स्थलों में [[सात ताल झील|सातताल]], [[भीमताल झील|भीमताल]] और नौ किनारों वाला नौकुचिया ताल, संरक्षित वन किलबरी, खुरपा ताल, लोकप्रिय आरामगाह भोवाली, ढिकाला स्थित जिम कॉर्बेट संग्रहालय और मुक्तेश्वर, जो [[हिमालय]] का मनमोहक दृश्य पेश करता है। यहाँ झील के आस-पास बने शानदार बंगलों और होटलों में रुकने का अपना ही आनन्द है। गर्मियों में यहाँ बड़ी संख्‍या में सैलानी आते हैं। यहाँ की झील, मंदिर, बाज़ार पर्यटकों को लुभाते हैं।
  
 
==झील==
 
==झील==
जनपद के पहाड़ी भागों में कई छोटी-बड़ी झीलें स्थित हैं- जिनमें नैनीताल, भीमताल, [[नौकुचिया ताल]], गरुड़ताल, रामताल, सातताल, लक्ष्मणताल, नलदमयंतीताल, सूखाताल, मलवाताल, खुरपाताल, सड़ियाताल आदि हैं।  
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जनपद के पहाड़ी भागों में कई छोटी-बड़ी झीलें स्थित हैं- जिनमें नैनीताल, [[भीमताल झील|भीमताल]], [[नौकुचिया ताल]], गरुड़ताल, रामताल, [[सात ताल झील|सातताल]], लक्ष्मणताल, नलदमयंतीताल, सूखाताल, मलवाताल, खुरपाताल, सड़ियाताल आदि हैं।  
 
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====नैनी झील====
;नैनी झील
 
 
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नैनी झील का नाम देवी नैनी के नाम पर पड़ा है। पर्यटकों के लिए यह सबसे ज़्यादा ख़ूबसूरत जगह है। ख़ासतौर से तब जब [[सूर्य|सूरज]] की किरणें पूरी झील को अपनी आग़ोश में ले लेती हैं। यह चारों तरफ से सात पहाड़ियों से घिरी हुई है। नैनीताल में नौंकायें और पैडलिंग का भी आनंद उठाया जा सकता है। मुख्य शहर से तक़रीबन ढाई किलोमीटर दूर बनी नैनी झील तक पहुँचने के लिए केबल कार का इस्तेमाल करना पड़ता है। यह सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है।
 
नैनी झील का नाम देवी नैनी के नाम पर पड़ा है। पर्यटकों के लिए यह सबसे ज़्यादा ख़ूबसूरत जगह है। ख़ासतौर से तब जब [[सूर्य|सूरज]] की किरणें पूरी झील को अपनी आग़ोश में ले लेती हैं। यह चारों तरफ से सात पहाड़ियों से घिरी हुई है। नैनीताल में नौंकायें और पैडलिंग का भी आनंद उठाया जा सकता है। मुख्य शहर से तक़रीबन ढाई किलोमीटर दूर बनी नैनी झील तक पहुँचने के लिए केबल कार का इस्तेमाल करना पड़ता है। यह सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है।
 
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[[शिवालिक पहाड़ियाँ|शिवालिक पहाड़ियों]] पर मौजूद एक कटोरे नुमा झील के चारों तरफ बसा ये शहर जनश्रुतियों व [[पुराण|पुराणों]] के मुताबिक [[शिव]] की पत्नी [[सती]] की [[आँख]] यानी नैन के गिरने से बनी यह झील 64 शक्ति पीठों में से एक मानी जाती है। नैनी झील के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर नैना देवी का मन्दिर है।
 
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====गर्नी हाउस====
;गर्नी हाउस
 
 
गर्नी हाउस अंग्रेज़ शासक जिम कॉर्बेट का पूर्व निवास स्थल है। नैनीताल चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है, ठीक उसी तरह गर्नी हाउस भी अयारपट्टा पहाड़ियों से घिरा है। गर्नी हाउस अब एक संग्रहालय बन चुका है और जिम कॉर्बेट की कई यादगार वस्तुएँ यहाँ मौजूद हैं।
 
गर्नी हाउस अंग्रेज़ शासक जिम कॉर्बेट का पूर्व निवास स्थल है। नैनीताल चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है, ठीक उसी तरह गर्नी हाउस भी अयारपट्टा पहाड़ियों से घिरा है। गर्नी हाउस अब एक संग्रहालय बन चुका है और जिम कॉर्बेट की कई यादगार वस्तुएँ यहाँ मौजूद हैं।
  
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==संबंधित लेख==
 
==संबंधित लेख==
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[[Category:उत्तराखंड]]
 
[[Category:उत्तराखंड के नगर]]
 
[[Category:उत्तराखंड के नगर]]

13:18, 9 जून 2012 का अवतरण

नैनीताल
नैनी झील, नैनीताल
विवरण नैनीताल, उत्तरी उत्तराखंड राज्य के उत्तर मध्य भारत में शिवालिक पर्वतश्रेणी में स्थित है। 1841 में स्थापित यह नगर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो समुद्र तल से 1,934 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है।
राज्य उत्तराखंड
ज़िला नैनीताल
निर्माता पी.बेरून
स्थापना 1841
भौगोलिक स्थिति उत्तर- 29.38°, पूर्व- 79.45°
मार्ग स्थिति पंत नगर हवाई अड्डे से लगभग 63 किमी दूर है।
प्रसिद्धि झीलों के लिए
कब जाएँ अप्रैल-जून, सितंबर-अक्टूबर
हवाई अड्डा पंत नगर हवाई अड्डा
रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्‍टेशन
बस अड्डा नैनीताल बस अड्डा
क्या देखें नैनीताल पर्यटन
कहाँ ठहरें होटल, धर्मशाला, अतिथिग्रह, रिजॉर्ट
क्या ख़रीदें गर्म ऊनी वस्‍त्र, हस्‍तशिल्प वस्तुएँ और मोम‍बत्तियाँ
एस.टी.डी. कोड 05942
Map-icon.gif गूगल मानचित्र
संबंधित लेख नैनी झील, नैना देवी मन्दिर


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नैनीताल उत्तरी उत्तराखंड राज्य के उत्तर मध्य भारत में शिवालिक पर्वतश्रेणी में स्थित एक नगर है। 'नैनी' शब्द का अर्थ है आँखें और 'ताल' का अर्थ है झील। झीलों का शहर नैनीताल उत्तराखंड का प्रसिद्ध पर्यटन स्‍थल है। बर्फ़ से ढ़के पहाड़ों के बीच बसा यह स्‍थान झीलों से घिरा हुआ है। इनमें से सबसे प्रमुख झील नैनी झील है जिसके नाम पर इस जगह का नाम नैनीताल पड़ा। इसलिए इसे 'झीलों का शहर' भी कहा जाता है। नैनीताल को चाहे जिधर से देखा जाए, यह बेहद ख़ूबसूरत है। इसे भारत का 'लेक डिस्ट्रिक्ट' कहा जाता है, क्योंकि इसकी पूरी जगह झीलों से घिरी हुई है। इसकी भौगोलिक विशेषता निराली है। नैनीताल का सबसे कम तापमान 27.06° से 8.06° से. के बीच रहता है। नैनीताल का दृश्य नैनों को सुख देता है।

भौगोलिक स्थिति

नैनीताल शहर उत्तर-मध्य भारत के उत्तरी उत्तराखंड राज्य में शिवालिक पर्वतश्रेणी में स्थित है। 1841 में स्थापित यह नगर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो समुद्र तल से 1,934 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यह नगर एक सुंदर झील के आस-पास बसा हुआ है और इसके चारों ओर वनाच्छादित पहाड़ हैं।

  • नैनीताल के उत्तर में अल्मोड़ा है।
  • पूर्व में चम्पावत है।
  • दक्षिण में ऊधमसिंह नगर है।
  • पश्चिम में पौड़ी तथा उत्तर प्रदेश की सीमाएँ मिलती हैं।
  • जनपद के उत्तरी भाग में हिमालय क्षेत्र तथा दक्षिण में मैदानी भाग हैं जहाँ सालों भर आनंददायक मौसम रहता है।

इतिहास

नैनीताल को पी. बेरून नामक व्‍यक्ति द्वारा वर्ष 1841 में स्थापित किया गया था। पी. बेरून पहला यूरोपियन था। नैनीताल अंग्रेज़ों का ग्रीष्‍मकालीन मुख्‍यालय था। 1847 में नैनीताल मशहूर हिल स्टेशन बना, अंग्रेज़ इसे 'समर कैपिटल' भी कहते थे। तब से लेकर आज तक यह अपना आकर्षण बरकरार रखे हुए है। अंग्रेज़ों के ज़माने में नैनीताल शिक्षा का भी बड़ा केंद्र बनकर उभरा। अपने बच्चों को बेहतर माहौल में पढ़ाने के लिए अंग्रेज़ों को यह जगह काफ़ी पसंद आई थी। उन्होंने अपने मनोरंजन के लिए भी व्यापक इंतज़ाम किए थे। पहाड़ियों से घिरी नैनी झील और इसके आस-पास की तमाम झीलें आकर्षण का केंन्द्र बन गयी थीं और प्रत्येक यूरोपियन नागरिक यहाँ बसने की लालसा लेकर आने लगे। बाद में ब्रिटिश-भारतीय सरकार ने नैनीताल को यूनाइटेड प्रोविन्सेज की गर्मियों की राजधानी घोषित कर दिया और इसी दौरान यहाँ तमाम यूरोपीय शैली की इमारतों का निर्माण हुआ, गवर्नर हाऊस और सेन्ट जॉन चर्च इस निर्माण कला के अद्भुत उदाहरण है।

यातायात और परिवहन

नैनीताल सड़क मार्ग द्वारा दक्षिण में स्थित काठगोदाम के रेलवे टर्मिनल से जुड़ा हुआ है। पंतनगर नैनीताल का निकटतम हवाई अड्डा है। नैनीताल हवाई अड्डे से 71 किमी दूर है। पंतनगर से भी नैनीताल के लिए बसें उपलब्ध है। रेलवे स्टेशन काठगोदाम के निकट है। बरेली, लखनऊ, दिल्ली और आगरा नैनीताल से रेलमार्ग द्वारा जुड़े हुए है। बस और टैक्सियाँ काठगोदाम से नैनीताल के लिए उपलब्ध हैं। नैनीताल और देहरादून, अल्मोड़ा, रानीखेत, बरेली, हरिद्वार, रामनगर, दिल्ली, लखनऊ, और अन्य राज्यों में महत्त्वपूर्ण शहरों के बीच निजी और सार्वजनिक बस सेवाएँ उपलब्ध हैं।

कृषि और खनिज

नैनीताल में 52,000 हैक्टेयर भूमि कृषि के लिए प्रयोग की जाती है जिसमें से 45,000 हैक्टेयर भूमि सिंचाई के लिए प्रयोग की जाती है। सिंचाई के मुख्य श्रोत नहर तथा नलकूप हैं। 24203 हैक्टेयर भूमि नहरों द्वारा और 3366 हैक्टेयर भूमि नलकूपों द्वारा सिंचित हो्ती है। नैनीताल की मुख्य फ़सलें: गेहूँ, मंडुआ, मक्का, जौ, झंगोरा, कौणी, भट्ट, तोर, धान, गन्ना, मटर, सोयाबीन हैं। फलों में सेब, नाशपाती, आडू, खुमानी आदि उगाए जाते हैं।

शिक्षण संस्थान

नैनीताल में सेंट जोसेफ़ कॉलेज, ऑल सेंट्स कॉलेज और शेरवुड कॉलेज स्थित है।

पर्यटन

नैनी झील, नैनीताल

नैनीताल अपने तालों के लिए प्रसिद्ध है। प्रमुख स्थलों में नैनी झील, तल्ली एवं मल्ली ताल और मॉल रोड शामिल हैं। नैनीताल के पर्यटन स्थलों में स्नो व्यू पॉइंट, जहाँ रोप वे से पहुँचा जा सकता है। झील के किनारे स्थित सबसे ऊँची नैनी चोटी, लैंड्स एंड, हनुमान गढ़ी, स्टेट ऑबज़रवेटरी और नैनीताल के लोकप्रिय विहार स्थल शामिल हैं। आस-पास के दर्शनीय स्थलों में सातताल, भीमताल और नौ किनारों वाला नौकुचिया ताल, संरक्षित वन किलबरी, खुरपा ताल, लोकप्रिय आरामगाह भोवाली, ढिकाला स्थित जिम कॉर्बेट संग्रहालय और मुक्तेश्वर, जो हिमालय का मनमोहक दृश्य पेश करता है। यहाँ झील के आस-पास बने शानदार बंगलों और होटलों में रुकने का अपना ही आनन्द है। गर्मियों में यहाँ बड़ी संख्‍या में सैलानी आते हैं। यहाँ की झील, मंदिर, बाज़ार पर्यटकों को लुभाते हैं।

झील

जनपद के पहाड़ी भागों में कई छोटी-बड़ी झीलें स्थित हैं- जिनमें नैनीताल, भीमताल, नौकुचिया ताल, गरुड़ताल, रामताल, सातताल, लक्ष्मणताल, नलदमयंतीताल, सूखाताल, मलवाताल, खुरपाताल, सड़ियाताल आदि हैं।

नैनी झील

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नैनी झील का नाम देवी नैनी के नाम पर पड़ा है। पर्यटकों के लिए यह सबसे ज़्यादा ख़ूबसूरत जगह है। ख़ासतौर से तब जब सूरज की किरणें पूरी झील को अपनी आग़ोश में ले लेती हैं। यह चारों तरफ से सात पहाड़ियों से घिरी हुई है। नैनीताल में नौंकायें और पैडलिंग का भी आनंद उठाया जा सकता है। मुख्य शहर से तक़रीबन ढाई किलोमीटर दूर बनी नैनी झील तक पहुँचने के लिए केबल कार का इस्तेमाल करना पड़ता है। यह सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले पर्यटन स्थलों में से एक है।

नैनीताल बोट हाउस क्लब

नैना देवी मन्दिर

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शिवालिक पहाड़ियों पर मौजूद एक कटोरे नुमा झील के चारों तरफ बसा ये शहर जनश्रुतियों व पुराणों के मुताबिक शिव की पत्नी सती की आँख यानी नैन के गिरने से बनी यह झील 64 शक्ति पीठों में से एक मानी जाती है। नैनी झील के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर नैना देवी का मन्दिर है।

गर्नी हाउस

गर्नी हाउस अंग्रेज़ शासक जिम कॉर्बेट का पूर्व निवास स्थल है। नैनीताल चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है, ठीक उसी तरह गर्नी हाउस भी अयारपट्टा पहाड़ियों से घिरा है। गर्नी हाउस अब एक संग्रहालय बन चुका है और जिम कॉर्बेट की कई यादगार वस्तुएँ यहाँ मौजूद हैं।

जनसंख्या

नैनीताल की कुल जनसंख्या (2001 की गणना के अनुसार) 38,559 है। नैनीताल के कुल ज़िले की जनसंख्या 7,62,912 है, जिसमें पुरुष की संख्या 400336 तथा महिलाओं की संख्या 362576 है।

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