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'''पवन''' क्षैतिज रूप में गतिशील होने वाली हवा को कहते है। [[वायुदाब]] की विषमताओं को संतुलित करने की दिशा में यह प्रकृति का एक स्वाभाविक प्रयास है। धरातल पर निम्न प्रकार की पवन पाई जाती हैं-
 
'''पवन''' क्षैतिज रूप में गतिशील होने वाली हवा को कहते है। [[वायुदाब]] की विषमताओं को संतुलित करने की दिशा में यह प्रकृति का एक स्वाभाविक प्रयास है। धरातल पर निम्न प्रकार की पवन पाई जाती हैं-
#'''प्रचलित पवन''' - जो पवन वायुदाब के अक्षांशीय अंतर के कारण [[वर्ष]] भर एक से दूसरे कटिबंध की ओर प्रवाहित होती रहती हैं, उसे प्रचलित पवन कहते हैं। व्यापारिक पवन, पछुआ पवन व ध्रुवीय पवन इत्यादि प्रचलित पवन के उदाहरण हैं।
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#'''प्रचलित पवन''' - जो पवन वायुदाब के अक्षांशीय अंतर के कारण [[वर्ष]] भर एक से दूसरे कटिबंध की ओर प्रवाहित होती रहती हैं, उसे प्रचलित पवन कहते हैं। [[व्यापारिक पवन]], पछुआ पवन व ध्रुवीय पवन इत्यादि प्रचलित पवन के उदाहरण हैं।
 
#'''सामयिक पवन''' - मौसम या समय के साथ जिन पवनों की दिशा में परिवर्तन पाया जाता है, उन्हें सामयिक या कालिक पवन कहा जाता है। पवनों के इस वर्ग में मानसून पवनें, स्थल तथा सागर समीर शामिल हैं।
 
#'''सामयिक पवन''' - मौसम या समय के साथ जिन पवनों की दिशा में परिवर्तन पाया जाता है, उन्हें सामयिक या कालिक पवन कहा जाता है। पवनों के इस वर्ग में मानसून पवनें, स्थल तथा सागर समीर शामिल हैं।
 
#'''स्थानीय पवन''' - स्थानीय पवनों की उत्पत्ति [[तापमान]] तथा [[दाब]] के स्थानीय अंतर की वजह से होता है। [[लू]] स्थानीय पवन का एक बेहतर उदाहरण है।  
 
#'''स्थानीय पवन''' - स्थानीय पवनों की उत्पत्ति [[तापमान]] तथा [[दाब]] के स्थानीय अंतर की वजह से होता है। [[लू]] स्थानीय पवन का एक बेहतर उदाहरण है।  

13:47, 2 अप्रैल 2014 का अवतरण

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पवन क्षैतिज रूप में गतिशील होने वाली हवा को कहते है। वायुदाब की विषमताओं को संतुलित करने की दिशा में यह प्रकृति का एक स्वाभाविक प्रयास है। धरातल पर निम्न प्रकार की पवन पाई जाती हैं-

  1. प्रचलित पवन - जो पवन वायुदाब के अक्षांशीय अंतर के कारण वर्ष भर एक से दूसरे कटिबंध की ओर प्रवाहित होती रहती हैं, उसे प्रचलित पवन कहते हैं। व्यापारिक पवन, पछुआ पवन व ध्रुवीय पवन इत्यादि प्रचलित पवन के उदाहरण हैं।
  2. सामयिक पवन - मौसम या समय के साथ जिन पवनों की दिशा में परिवर्तन पाया जाता है, उन्हें सामयिक या कालिक पवन कहा जाता है। पवनों के इस वर्ग में मानसून पवनें, स्थल तथा सागर समीर शामिल हैं।
  3. स्थानीय पवन - स्थानीय पवनों की उत्पत्ति तापमान तथा दाब के स्थानीय अंतर की वजह से होता है। लू स्थानीय पवन का एक बेहतर उदाहरण है।


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टीका टिप्पणी और संदर्भ


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