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||'[[शून्यकाल|शून्य काल]]'- विशिष्ट भारतीय संसदीय व्यवहार है। प्रश्न काल और सभापटल पर पत्र रखे जाने के तत्काल पश्चात तथा किसी सूचीबद्ध कार्य को सभा द्वारा शुरू करने के पहले का लोकप्रिय नाम 'शून्य काल' है। चूंकि यह मध्याह्न 12 बजे शुरू होता है इसीलिए इसे शून्य काल कहते हैं। संसदीय प्रक्रिया में शून्य काल शब्द को औपचारिक मान्यता प्राप्त नहीं है। शून्य काल में किसी मामले को उठाने के लिए सदस्य प्रतिदिन पूर्वाह्न 10.00 से पूर्व अध्यक्ष को सूचना देते हैं। किसी मामले को उठाने या न उठाने की अनुमति या मामलों के क्रम का निर्णय अध्यक्ष पर निर्भर करता है। वर्तमान में शून्य काल के दौरान 20 मामले उठाए जाने की अनुमति है।{{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[शून्य काल]]
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||'[[शून्यकाल|शून्य काल]]'- विशिष्ट भारतीय संसदीय व्यवहार है। प्रश्न काल और सभापटल पर पत्र रखे जाने के तत्काल पश्चात तथा किसी सूचीबद्ध कार्य को सभा द्वारा शुरू करने के पहले का लोकप्रिय नाम 'शून्य काल' है। चूंकि यह मध्याह्न 12 बजे शुरू होता है इसीलिए इसे शून्य काल कहते हैं। संसदीय प्रक्रिया में शून्य काल शब्द को औपचारिक मान्यता प्राप्त नहीं है। शून्य काल में किसी मामले को उठाने के लिए सदस्य प्रतिदिन पूर्वाह्न 10.00 से पूर्व अध्यक्ष को सूचना देते हैं। किसी मामले को उठाने या न उठाने की अनुमति या मामलों के क्रम का निर्णय अध्यक्ष पर निर्भर करता है। वर्तमान में शून्य काल के दौरान 20 मामले उठाए जाने की अनुमति है। {{point}} '''अधिक जानकारी के लिए देखें-:''' [[शून्य काल]]
  
 
{इंट्रोडक्शन टू दी स्टडी ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के लेखक कौन हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-21
 
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-कोई विवेकाधिकार नहीं है।
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-कोई विशेषाधिकार नहीं है।
 
-बहुत व्यापक विवेकाधिकार है।
 
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+कुछ निश्चित मामलों में विवेकाधिकार (वेशेषाधिकार) है।
 
+कुछ निश्चित मामलों में विवेकाधिकार (वेशेषाधिकार) है।
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{[[भारत]] में [[लोक सभा]] के प्रथम अध्यक्ष कौन थे? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-140,प्रश्न-23
 
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+जी.वी. भावलंकर
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+[[जी.वी. मावलंकर]]
-ए.एस. अय्यंगार
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-[[एम.ए. अय्यंगर|एम.ए. अय्यंगर]]
 
-हुकुम सिंह
 
-हुकुम सिंह
 
-[[नीलम संजीव रेड्डी]]
 
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-[[लोक सभा अध्यक्ष|लोक सभा के अध्यक्ष]]
 
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-कानून मंत्री
 
-कानून मंत्री
||भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 (6) के अनुसार, [[उच्चतम न्यायालय]] का न्यायधीश होने के लिए नियुक्त प्रत्येक व्यक्ति, अपना पद ग्रहण करने के पहले [[राष्ट्रपति]] था उसके द्वारा इस निमित्त नियुक्त व्यक्ति के समक्ष शपथ लेगा या प्रतिज्ञान करेगा और उस पर अपने हस्ताक्षर करेगा।
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||भारत के संविधान के अनुच्छेद 124 (6) के अनुसार, [[उच्चतम न्यायालय]] का न्यायाधीश होने के लिए नियुक्त प्रत्येक व्यक्ति, अपना पद ग्रहण करने के पहले [[राष्ट्रपति]] था उसके द्वारा इस निमित्त नियुक्त व्यक्ति के समक्ष शपथ लेगा या प्रतिज्ञान करेगा और उस पर अपने हस्ताक्षर करेगा।
  
{भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में संविधान संशोधन प्रक्रिया उल्लिखित है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-162,प्रश्न-147
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||अनुच्छेद 368 (1) [[संसद]] को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्रदान करता है। अनुच्छेद 368 यह कहता है कि इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, संसद अपनी संविधायी शक्ति का प्रयोग करते हुए, इस संविधान के किसी उपबंध का परिवर्द्धन, परिवर्तन या निरसन के रूप में इस अनुच्छेद में उल्लिखित प्रक्रिया के अनुसार संशोधन कर सकेगी।
 
||अनुच्छेद 368 (1) [[संसद]] को संविधान में संशोधन करने की शक्ति प्रदान करता है। अनुच्छेद 368 यह कहता है कि इस संविधान में किसी बात के होते हुए भी, संसद अपनी संविधायी शक्ति का प्रयोग करते हुए, इस संविधान के किसी उपबंध का परिवर्द्धन, परिवर्तन या निरसन के रूप में इस अनुच्छेद में उल्लिखित प्रक्रिया के अनुसार संशोधन कर सकेगी।
  
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||[[भारतीय संविधान]] की चौथी अनुसूची [[राज्य सभा]] में स्थानों के आवंटन से संबंधित है।
 
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13:08, 12 मार्च 2018 का अवतरण

1 संसद में 'शून्य काल' का क्या अर्थ है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-140,प्रश्न-20

प्रश्नकाल एवं अन्य कार्यों में प्रारंभ होने के समय के बीच की अवधि
सरकारी पक्ष को प्रदत्त समय जिसमें वह सदस्यों के प्रश्नों का उत्तर देता है
संसद के एक अधिवेशन और आगामी अधिवेशन के बीच का समय
कार्य स्थगन प्रस्ताव हेतु निर्धारित समय

2 इंट्रोडक्शन टू दी स्टडी ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के लेखक कौन हैं? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-203,प्रश्न-21

एल.डी. व्हाइट
डब्लू.एफ. विलोबी
हेनरी फेयोल
ऊरविक

3 किसी प्रांत के राज्यपाल को- (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-183,प्रश्न-262

कोई विशेषाधिकार नहीं है।
बहुत व्यापक विवेकाधिकार है।
कुछ निश्चित मामलों में विवेकाधिकार (वेशेषाधिकार) है।
उपर्युक्त में से कोई नहीं हैं।

4 भारत में लोक सभा के प्रथम अध्यक्ष कौन थे? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-140,प्रश्न-23

जी.वी. मावलंकर
एम.ए. अय्यंगर
हुकुम सिंह
नीलम संजीव रेड्डी

5 सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों को पद शपथ किसके द्वारा दिलाई जाती है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-152,प्रश्न-91

राष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति
लोक सभा के अध्यक्ष
कानून मंत्री

6 भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में संविधान संशोधन प्रक्रिया उल्लिखित है? (नागरिक शास्त्र ,पृ.सं-162,प्रश्न-147

352
368
370
382

7 भारतीय संविधान को निम्नलिखित में से कौन-सी अनुसूची राज्यसभा में स्थानों के आवंटन से संबंधित है?

तीसरी अनुसूची
चौथी अनुसूची
पांचवीं अनुसूची
छठीं अनुसूची